जमशेदपुर : खरसावां गोलीकांड की बरसी पर श्रद्धांजलि समारोह की बजाय समानान्तर किसान मेला आयोजित कर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उक्त बातें झारखंड आंदोलनकारी डेमका सोय ने कही। उन्होंने कहा कि किसान मेला के माध्यम से केंद्रीय मंत्री गोलीकांड पर राजनैतिक स्वार्थ साध रहे हैं। शहीद किसान मेला के बहाने इसके ऐतिहासिक महत्व को कम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि खरसांवा गोलीकांड किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ मामला नहीं था। बल्कि यह अपनी पहचान, अस्तित्व और अस्मिता बचाने के लिए लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई थी। प्रतिवर्ष इस दिन हो समाज की परंपरा के अनुसार “दिरी दुल सुनुम” कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। साथ ही इस दिन शोक मनाया जाता है। आगे डेमका सोय ने बताया कि इस ऐतिहासिक घटना पर अगर केंद्रीय मंत्री को सहानुभूति होती तो वे उस दिन किसान सम्मेलन नहीं करवाते। मगर उक्त कार्यक्रम के आयोजन से ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्रीय मंत्री इस शहादत को लोगों के जेहन से मिटाना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा का कार्यकाल बतौर आदिवासी मामलों के मंत्री झारखंड के लिए कुछ विशेष नहीं कर पाए हैं। सरना कोड को लेकर भी इनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। कुल मिलाकर वे अपनी नाकामियों को छुपाने और डूबती राजनैतिक नैया को बचाने के लिए किसान मेला का आयोजन कर रहे हैं।
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