मानगो दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी का नक्सलियों से रहा है सांठ-गांठ, रिमांड पर लेकर पुलिस कर रही पूछताछ

जमशेदपुर : बीते 8 दिसंबर की सुबह लगभग 11:30 बजे मानगो थाना अंतर्गत जवाहर नगर रोड नंबर 15 स्थित शाह आकाश अपार्टमेंट के पास बाइक सवार पांच अपराधियों ने मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड निवासी शातिर अपराधी मो. सज्जाद उर्फ टांडा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं भागने के दौरान टाइगर मोबाइल जवान मृतक रामदेव महतो और निर्मल मुंडू ने बाइक सवार तीन अपराधियों को पकड़ लिया था। इस दौरान दो अपराधी खुद को भीड़ से बचाने के लिए जवान रामदेव महतो को गोली मारकर फरार हो गए। जबकि एक अपराधी आदित्यपुर मांझी टोला निवासी संजय सरकार को टाइगर मोबाइल जवान निर्मल मुंडू ने पकड़ रखा था। वहीं मौके पर गुस्साए लोगों ने उसकी जमकर पिटाई भी की थी। घटना के बाद घायल अपराधी और सिपाही को लोगों ने इलाज के लिए टीएमएच पहुंचाया। जहां अपराधी की जांच कर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि जवान रामदेव महतो की इलाज के क्रम में मौत हो गई थी। मामले में गिरफ्तार अपराधी के पास से पुलिस ने तीन पिस्तौल और कारतूस भी बरामद किया था। घटना को लेकर थाने में दो अलग-अलग मामले भी दर्ज किए गए थे। जिसके बाद अपराधी को पुलिस ने जेल भेज दिया था। साथ ही पुलिस ने न्यायालय में उसे रिमांड पर लेने की अर्जी भी लगाई थी। जिसके तहत न्यायालय ने पुलिस की अर्जी मंजूर करते हुए अपराधी को एक सप्ताह के डिमांड पर दे दिया। अब पुलिस उसे थाने में रखकर पूछताछ कर रही है। साथ ही उसकी निशानदेही पर अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कर रही है। वहीं विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि गिरफ्तार अपराधी संजय सरकार का नक्सलियों से सांठ-गांठ भी रहा है। वह चाईबासा क्षेत्र के टोंटो में 8 से 10 साल नक्सलियों के साथ भी रहा है। मगर पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाने के कारण वह अपनी जान बचाकर वहां से भागा और आदित्यपुर मांझी टोला नदी किनारे आकर रहने लगा। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कुछ दिनों पूर्व कपाली निवासी शातिर अपराधी चौड़ा राजू और मानगो निरंजन सिंह कांप्लेक्स निवासी गणेश सिंह के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसी दरम्यान चौड़ा राजू और मृतक मो. सज्जाद उर्फ टांडा के बीच जमीन को लेकर विवाद भी चल रहा था। जिसको लेकर चौड़ा राजू ने मृतक के भाई डाबर को फोन पर उसे समझाने की धमकी भी दी थी। अगर घटना में जवान की मौत नहीं हुई होती तो ये इस हत्या का इल्जाम गणेश सिंह पर डालने वाले थे। मगर सिपाही की मौत होने के कारण इनका सारा मामला बिगड़ गया। फिलहाल पुलिस अपराधी से पूछताछ कर रही है।

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