पूर्व कर्मचारी साथियों के साथ मिलकर व्यवसाई के घर में डालने वाला था डाका

गुप्त सूचना पर पुलिस ने दबोचा, छठ के दिन देना था घटना को अंजाम

जमशेदपुर : बीते 19 नवंबर आस्था के महापर्व छठ की संध्या अर्घ्य के दौरान बिस्टुपुर थाना अंतर्गत सर्किट हाउस केडी फ्लैट के पास स्थित माइनिंग व्यवसाई के बंगलों में डाका डालने की योजना को पुलिस ने विफल करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

इस दौरान पुलिस ने इनके पास से अवैध हथियार समेत अन्य सामान भी बरामद किया है। गिरफ्तार आरोपियों में व्यवसाई के प्लांट का पूर्व सुपरवाइजर सीतारामडेरा रेडियो मैदान निवासी प्रभास मुखर्जी, एमजीएम भिलाई पहाड़ी हनुमान मंदिर के पास का रहने वाला रमेश महतो, बिरसानगर लुपुंगडीह निवासी बबलु लोहार, रांची नामकुम तुंजु इमली पेड़ के पास रहने वाला मनीष सिंह, रांची तुपुदाना देवगाय बीज टोला निवासी महेश सिंह मुंडा और रांची नामकुम तुंजु थाना क्षेत्र का रहने वाला अमृत लाल सिंह शामिल है।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने मनीष सिंह के पास से देसी पिस्टल, महेश सिंह मुंडा व अमृत लाल सिंह के पास से एक-एक जिंदा कारतूस, दो पुलिस की वर्दी, 7 मोबाइल समेत बोलेरो वाहन संख्या जेएच 01 डीएफ – 5703 भी बरामद किया है। वहीं मामले का खुलासा सोमवार बिस्टुपुर थाना परिसर स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में एसएसपी किशोर कौशल ने प्रेसवार्ता कर पत्रकारों के समक्ष किया।

मौके पर एसपी सिटी मुकेश कुमार लुनायत और डीएसपी सीसीआर अनिमेष गुप्ता भी उपस्थित रहे। वार्ता के दौरान एसएसपी ने बताया कि बीते रविवार की दोपहर पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि बिस्टुपुर थाना अंतर्गत पॉस इलाके सर्किट हाउस एरिया स्थित जादूगोड़ा के माइनिंग व्यवसाई के बंगलो में डकैती की घटना को अंजाम देने के लिए कुछ अपराधी जुबली पार्क के अंदर निको पार्क पार्किंग स्थल में एकत्रित हुए हैं। जिसके बाद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी सिटी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। वहीं गठित पुलिस टीम द्वारा दोपहर लगभग 2:30 बजे उक्त स्थल पर छापेमारी की गई। इस दौरान पुलिस को देखकर अपराधी भागने लगे। जिन्हें खदेड़कर पकड़ा गया। इस दौरान बबलू लोहार को छोड़कर सभी अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही इनकी निशानदेही पर बबलू लोहार को भी पुलिस ने घर के पास से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि अपराधियों को व्यवसाई के घर में नगद समेत 25 से 30 करोड रुपए के गहने होने की सूचना थी। जिसको लेकर पूर्व कर्मचारी प्रभास मुखर्जी पिछले 6 माह से डकैती योजना बना रहा था।

जिसमें चालक बबलू लोहार ने मनीष सिंह, महेश सिंह मुंडा, अमृत लाल सिंह और रमेश महतो की मुलाकात प्रभास मुखर्जी से कराई थी। इन्होंने घटना को अंजाम देने के लिए संध्या अर्घ्य का प्लान बनाया था। इनको पता था कि उस वक्त पुलिस छठ घाट पर व्यस्त रहेगी और जिसका फायदा उठाकर ये अपना काम बड़ी आसानी से कर लेंगे। मगर पुलिस की तत्परता ने इनके मंसूबों को नाकाम कर दिया। डकैती में प्रभास मुखर्जी के हिस्से में एक करोड़ रूपया आने वाला था। कुछ महिनों पहले व्यवसाई ने अपने आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित प्लांट से शराब पीने के कारण प्रभास मुखर्जी को सुपरवाइजर के पद से हटा दिया था। जिसके बाद से ही वह घटना को अंजाम देने की फिराक में था। उसे व्यवसाई की हर गतिविधि की जानकारी भी थी। दूसरी तरफ अपराधी बबलू लोहार ने कहा कि वह जेएस का रेफरी है और टाटा मोटर्स फुटबॉल अकादमी में रेफरी का काम करता है। साथ ही वह अधिवक्ता केएम प्रसाद का प्राइवेट चालक भी है।

उसकी गलती सिर्फ इतनी है कि उसने प्रभास मुखर्जी को महेश सिंह मुंडा का मोबाइल नंबर दिया था। जिसके कारण उसे रविवार की संध्या श्राद्ध घर से सास के साथ आते समय पुलिस ने घर के पास से ही गिरफ्तार कर लिया। प्रभास मुखर्जी समेत अन्य के द्वारा डकैती की घटना को अंजाम देने की बात उसे पता भी नहीं थी। फिलहाल पुलिस ने सभी अपराधी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। टीम में बिस्टुपुर थाना प्रभारी अंजनी कुमार, मानगो थाना प्रभारी विनय कुमार, सोनारी थाना प्रभारी विष्णु राउत, एसआई संजय यादव, वारिस हुसैन, मनोज महाली, संजय कुमार समेत सशस्त्र पुलिस बल मौजूद थी।

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