अक्षय ऊर्जा का दिव्य भंडार लेकर आएगी बसंत पंचमी : आचार्य चेतन

सरस्वती पूजा आज, बनेंगे बुध और शुभ योग का दुर्लभ संयोग

दिन भर किया जा सकेगा मां शारदे की पूजा, लगेंगे आम के मंजरी और गुड़ का भोग

टंडवा : बसंत उत्सव पर इस बार ज्ञान, विज्ञान, कला एवं संगीत की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के आगमन दिव्य ऊर्जा का अक्षय भंडार लेकर आ रहा है। इस दिन बसंत पंचमी पर वीणावादिनी मां सरस्वती की पूजा और आराधना विद्यार्थियों के लिए भाग्य उदय कराने वाला अपार शिक्षा सफलता बरसाने वाला होगा। क्योंकि इस बार वसंत पंचमी पर बुध और शुभ योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। जन्मकुंडली, वास्तु व कर्मकांड परामर्श के विशेषज्ञ आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन इस बार कोई भी शुभ कार्य बिना पूछे किया जा सकता है। इस बार बसंत पंचमी के दिन चंद्रमा मीन राशि में और सूर्य कुम्भ राशि में गोचर करेंगे। वहीं इस दिन रेवती नक्षत्र भोग करेगा। पंचमी का तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्त तिथि होता है। यह विद्यार्थियों को आगामी परीक्षाओं में विशेष सफलता दिलाएगा और मां सरस्वती की कृपा बरसेगी। इस दिन चंद्रमा के मीन राशि में केंद्रित होने के कारण महिलाओं के भाग्य का उदय और उन्हें विशेष मान सम्मान दिलाने वाला योग बन रहा है। आचार्य ने बताया कि रेवती नक्षत्र और शनिवार का योग व्यापार जगत की अड़चनें दूर करेगी। बसंत पंचमी मां शारदे की उपासना के लिए अति शुभ तिथि है। इस दिन मां सरस्वती लोक कल्याणार्थ स्थित होती है। यह दिन स्वयं सिद्ध मुहूर्त तिथि है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में बसंत पंचमी को स्वयंसिद्ध मुहूर्त तिथि के रूप में अलंकृत किया गया है। यह तिथि इतना सशक्त है कि इस दिन कोई भी कार्य बिना विचारे किया जा सकता है। इसकी विशिष्टता के कारण ही यह दिन भारतीय जनमानस में युगों युगों से अनपूछे मुहूर्त के रूप में प्रतिष्ठित है। आचार्य ने कहा कि मां सरस्वती की आराधना के साथ इस दिन शादी, सगाई, तिलक, यज्ञोपवित संस्कार, मुण्डन, गृह प्रवेश, गृहारंभ, विपणिव्यापार, जलाशयवाटिका निर्माण, दीक्षाग्रहण, सर्वदेव प्रतिष्ठा सहित मांगलिक व हर प्रकार के शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। इस दिन किया गया कोई भी धार्मिक अनुष्ठान व शुभ कार्य अति शुभ फलदायक होता है।

पुरे दिन होगा मां शारदे की पूजा

आचार्य ने बताया कि इस वर्ष वीणा वादिनी मां सरस्वती की पूजा दिन भर किया जा सकेगा। पंचांग के अनुसार बुधवार को पंचमी तिथि साम में 5:40 बजे तक भोग करेगा। निर्णय सिंधु के अनुसार वसंत पंचमी मां सरस्वती का सबसे प्रिय दिवस है। बुधवार दिन और शुभ नाम का योग पूजा के महत्व को बढ़ा रहा है।

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