न्यायप्रिय संघर्ष व मर्यादा के प्रतिमूर्ति का नाम है भगवान राम – अविनाश देव

 

मेदिनीनगर: बचपन के वो भूलते भागते क्षण जो कभी खींचता था और दशहरे में हो रहे रामलीला को देखने नजर बचाकर भाग जाते थे। आज वही रामलीला पाठ को फीता काटकर उद्घाटन करने डाल्टेनगंज भंडरिया विधान के पतरिया गांव गए। न्यू नवयुवक संघ के बुलावे पर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। संघ के अध्यक्ष राजेश चौधरी,सचिव सोनू जी सहित संघ के सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से अंग वस्त्र फूलमाला देकर शानदार स्वागत किए। सबों के साथ रंगमंच तक गए और रेड रिबन काट कर रामलीला का उद्घाटन किए। अपने संबोधन में हमने कहा रामायण को इलाहाबाद हाई कोर्ट काल्पनिक बता कर आज के पचास साल पहले ही खारिज कर दिया है किंतु रामायण इतनी उच्च कोटि के महाकाव्य है की आम जनमानस इसे आज भी सिर माथे पर बैठाए हुए हैं। पात्र काल्पनिक ही सही लेकिन ब्यव्हार में अनुकरणीय है। रामायण की लोकप्रियता आज भी सिर चढ़ कर बोल रही है। मैं तो कहता हूं दक्षिण से उतर तक पूरब से पश्चिम तक जितने भी रामायण लिखे गए हैं उन सब का विश्वविद्यालय में चलाया जाए उस पर शोध हो और युवा p hd करें। रामलीला पाठ का लुत्फ लिए और प्रणाम कर अपने गंतव्य तक बढ़ गए। जय सियाराम! मुकेश सिंह, दरोगा सिंह, जितेंद्र चौधरी, शिवलाल चौधरी, मोहन सिंह, नाथ चौधरी, बुद्धि सिंह, कृष्ण पांडेय, राजू चौधरी, सहित सैकड़ों ग्रामीण मौयुद रहे। सबों को बहुत बहुत शुक्रिया।

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