अधीक्षक ने कहा एल एंड टी ने बनाया, अभी शिफ्टिंग चल रहा है, जगह देखकर बनवाया जाएगा
जमशेदपुर : मानगो डिमना में 500 बेड वाले नये सात तल्ले एमजीएम अस्पताल निर्माण लगभग 4 अरब 34 करोड़ 46 लाख 700 रुपये की लागत राशि से किया गया है और अभी वहां पुराने अस्पताल को शिफ्ट करने का काम भी जारी है। इसका उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। उस समय मौके पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी मौजूद थे। मगर बहुत ताज्जुब की बात है कि इस नये अस्पताल में शीतगृह का निर्माण ही नहीं कराया गया है। या फिर यूं कहें कि अस्पताल के निमार्ण में कोताही बरती गई है। जबकि साकची स्थित पूराने एमजीएम अस्पताल में वार्ड में इलाज के दौरान मृत्यु होने वाले मरीजों के शव को ठंडे में रखने के लिए यह सुविधा थी। मगर नये अस्पताल निमार्ण के दौरान इस ओर किसी ने भी ध्यान ही नहीं दिया और जो घोर लापरवाही को दर्शाता है। बताते चलें कि अस्पताल निर्माण के दौरान मंत्री से लेकर अधिकारी तक निरीक्षण के लिए पहुंचते थे। बावजूद इसके यह चुक कैसे हुई, यह समझ से परे है। वहीं नये अस्पताल में सिर्फ पोस्टमार्टम हाउस ही है और जहां घटना-दुर्घटना में मृत लोगों का पोस्टमार्टम किया जाता है। वहीं किसी भी भवन के निमार्ण से पहले उसका नक्शा बनाकर पास कराया जाता है और फिर उसी नक्शे के आधार पर ठेका कंपनी निमार्ण करती है। मगर इस चुक से ऐसा लगता है कि नये अस्पताल के नक्शे में शीतगृह का कहीं जिक्र ही नहीं था। इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ आर के मंधान ने कहा कि एल एंड टी कंपनी द्वारा अस्पताल को बनाया गया है। अभी पुराने अस्पताल को नये में शिफ्ट करने का काम चल रहा है। शीतगृह के लिए जगह देखकर ही उसपर आगे काम किया जाएगा। फिलहाल वार्ड के शव को पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा जाएगा।