पेट की आग बुझाने के लिए के लिए जान जोखिम में डालकर मजदूरी करने को मजबूर हैं मजदूर
खलारी: ग्रामीण विकास विभाग से मैक्लुस्कीगंज स्थित जागृति बिहार में शेखर बोस के घर समीप लाखों रुपए से हो रहे आरसीसी पुलिया निर्माण में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार उक्त योजना ग्रामीण विकास मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना अंतर्गत शेखर बोस के घर समीप रांची मुख्य पथ में बुथ फार्म जागृति बिहार में जाने के रास्ते में शेखर बोस के घर के समीप पूल निर्माण कार्य मे लगे मजदूरों को बिना सेफ्टी बेल्ट और हेलमेट कार्य कर रहे हैं। पतली लोहे की राड को बांध कर सीढियो का इस्तेमाल मजदूरों को पिलर में चढ़ने उतरने का काम कर रहे हैं। पुल की निकली सरिया व ईंट पर पैर रखकर किसी तरह लटककर मजदूर पूल निर्माण का कार्य कर रहे हैं। जबकि लगभग 100 से 200 फीट नीचे पानी भरें हुए में मजदूर पूल के पीलरों को ढालने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे मेें मजदूरों के लिए यह कार्य भारी पड़ सकता है। वे अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रह। वही कार्य की देखरेख में लगे मुंशी व ठेकेदार मजदूरों को दी जाने वाली सुरक्षा सुविधाएं को लेकर सफाई देते हुए मौके से भागते नजर आ रहे हैं वही उन्होंने उक्त एजेंसी का नाम बताने से भी इन्कार कर रहे हैं। पुल की निकली ईंट पर खड़े होकर किसी तरह लटककर रंगाई कर रहे हैं। जबकि 40 फीट नीचे नदी का प्रवाह है। ऐसे मेें मजदूरों के लिए यह भारी पड़ सकता है। वे अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रह इससे कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका है। ऐसे में ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों के साथ पूल निर्माण कार्य में लगी उक्त एजेंसी पर मजदूरों को बिना सेफ्टी बेल्ट और हेलमेट सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए लेकिन सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से कार्य क्षेत्र प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह है कि साइट पर ना तो इंजीनियर और न ही विभाग से बीते काफी दिनों से कोई भी अधिकारी काम देखने नहीं आया है। जहां इंजीनियर कंस्ट्रक्शन साइट पर उपस्थित रहकर निर्माण की मॉनिटरिंग करता है । ग्रामीण विकास विभाग के सारे पदाधिकारी मौन है जो एक चिंता का विषय है। कार्य की लापरवाही में जांच हुई तो कार्य करने वाले एजेंसी के साथ नापें जाएंगे कई अधिकारी।