सीडीपीओ के लापरवाही से बच्चों के पोषाहार खा रहे हैं लावारिस पशु

गढ़वा: रंका प्रखंड कर्यालय- परिसर में आंगनबाड़ी केदो के बच्चों के लिए रखा गया पोषाहार लावारिस पशु का भेंट चल रहा है। दरअसल रंका प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय के पुराने भवन में सुदुर ग्रामीण इलाकों में चलने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविकाओं पर कारवाई का भय दिखाकर तत्कालीन परियोजना पदाधिकारी द्वारा कटौती कर छः वर्ष पूर्व ढाई सौ से अधिक बोरी में रखे गए पोषाहार परियोजना पदाधिकारी की लापरवाही के वजह से बर्बाद हो गया।रखरखाव के अभाव में खिड़की टूटने के वजह से प्रतिदिन गोमाता पोषाहार का भोग लगाती रहती है । मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 – 019 मे तत्कालीन महिला एवं बाल परियोजना पदाधिकारी द्वारा ग्रामीण इलाकों के छः दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविकाओं के बीच कार्रवाई का भय दिखाकर कर ढाई सौ से अधिक बोरी में पैक पोषाहार की कटौती कर रखा गया था जिसे मौक़ा मिलते ही तत्कालीन अतिरिक्त सामग्री कीआपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से बिक्री किया जाना था मगर करीब दो महीने तक उचित मौका नहीं मिलने और अचानक तबादला हो जाने के वजह से उक्त पोषाहार परियोजना कार्यालय के गोदाम में पड़ा रह गया जिसे आज भी देखा जा सकता है पिछले वर्ष महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय के प्रखंड कार्यालय के नये भवन में स्थानांतरित हो जाने के वजह से पुराना भवन बिरान हो गया रखरखाव का अभाव एवं इधर हाल के दिनों में असामाजिक तत्वों द्वारा खिड़की तोड़ दिए जाने के वजह से पोषाहार खिड़की के काफी करीब हो गया पोषाहार के एक्सपायरी होने के वजह से असामाजिक तत्व उसे ले तो नहीं गए मगर टूटे हुए खिड़की के काफी नजदीक होने से गोमाता उसका भोग लगाने लगी जो आज भी जारी है जानकारों के अनुसार तकरीबन पांच लाख रुपए से अधिक का पोषाहार यूं ही रखें रखें बर्बाद हो गया जिस पोषाहार को बच्चों एवं गर्भवती तथा धातृ महिलाओं को खिलाना कर संतुलित आहार के रूप में प्रयोग कर एनिमिया एवं कुपोषण के विरूद्ध जंग जितना था उसका उपयोग गोमाता कर रही है मगर दुर्भाग्य तो यह है कि एक्सपायरी डेट हो चुके पोषाहार को प्लास्टिक पैकिंग समेत खाने से गोमाता का जीवन संकट में पड़ने की संभावना अधिक बनी हुई है जिसे देखने समझने वाला कोई नहीं है।

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