छठ घाटो में गंदगी के चलते सोसायटी-मोहल्लों-घरो में बढ़ा छठ का प्रचलन

धनबाद: सिटी सहित पूरा कोयलांचल छठी मईया की भक्ति में लीन है. लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारी चल रही है. पारंपरिक गीतों से घर-मोहल्ले गुलजार हैं. अब नई पीढ़ी भी इस महापर्व पर शुद्धता का विशेष ध्यान दे रही है. जलाशयों में गंदगी की वजह से धीरे-धीरे मोहल्लों व सोसायटी में ही छठ मनाने का प्रचलन शुरू हो गया है. लोग अपनी सोसायटी में कृत्रिम जलाशय का निर्माण कर पूजा करते हैं. कुछ लोग अपने घर की छत पर ही पानी टंकी बनाकर या प्लास्टिक का टब रख छठ पूजा करते हैं. छठ की तैयारी मेलगे श्रदालु कहते है कि सब कुछ ठीक नहीं हो सकता है. नदी-तालाब गंदगी की बात किसी से छुपी नहीं है. नदी हो या शहर का कोई भी तालाब, सभी में नाली का पानी सालों भर गिरता है. छठ के समय तो सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है. यही वजह है कि शुद्धता को ध्यान में रखकर अलग-अलग समूह घर के आसपास पूजा की तैयारी कर रहा है. भीड़-भाड़ भी एक और कारण है. तालाब में ज्यादा भीड़ होने से लोग ठीक से पूजा नहीं कर पाते है, शांति भी भंग होती है. लेकिन सोसायटी या छोटे-छोटे समूह में ऐसा नहीं होता है.

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