बाल विवाह रोकने में पीएलभी अग्रणी भूमिका निभाए। प्रणय वारेनयं

 

मेदिनीनगर: बाल विवाह रोकथाम में पीएलभी का भूमिका महत्वपूर्ण हैं। पी एलभी का कार्य कानूनों और अन्य उपलब्ध कल्याणकारी उपायों और कानूनो में बुनियादी ज्ञान के साथ ये अपने आसपास के लोगों को सहायता करने में सक्षम होंगे।पीएलभी से न केवल कानूनों और कानूनी प्रणाली पर जागरूकता प्रदान की अपेक्षा की जाती है ।बल्कि उन्हें बाल विवाह ,बाल श्रम,अशिक्षा, अंधविश्वास मिटाने में भी सहायक सिद्ध होंगे। उक्त बातें सी डब्लू सी के चेयरपर्सन प्रणय कुमार वरेनयं ने कही।वे शनिवार को जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में डालसा के नेतृत्व में नव चयनित 155 पारा लीगल वॉलिंटियर्स के ओरियंटेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम में चौथे दिन बतौर रिसोर्स पर्सन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पारा लीगल वोलेंटियर्स के ओरिएंटेशन और कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तमाम प्रयासों के बाद भी अभी भी हमारे देश में 35% बाल विवाह हो रहे हैं ।ऐसे में समाज व देश को बाल विवाह मुक्त बनाने में पीएलभी की भूमिका अहम है। उन्होंने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख करते हुए विभिन्न टोल फ्री नंबरों की जानकारी प्रदान की।इस मौके पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडेय ने पीएलभी को अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी निर्वहन के बारे में लोगों को जागरूक करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीएलभी खुद को किसी भी रूप में कमजोर ना समझे वे न्यायिक प्रक्रिया के अभिन्न अंग हैं। उनके सेवा भाव से समाज के कमजोर तबके को सहज और सुलभ न्याय प्राप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुंच में आने वाले बाधाओ को दूर करने का काम करेंगे ।साथ ही आम लोगों और कानूनी सेवा संस्थाओं के बीच की खाई को पाटने में मध्यस्थ के रूप में कार्य करेंगे।उन्होंने कहा कि पीएलभी का कार्य कानून और कल्याणकारी उपाय और कानून के बुनियादी ज्ञान के साथ अपने आसपास के लोगों को सहायता करना भी है। उन्होंने कहा कि पीएलभी कानून और कानूनी प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद की अपेक्षा की जाती है बल्कि उन्हें पक्षकारो के बीच सरल विवाद के स्रोत पर भी परामर्श देने और महत्वपूर्ण ढंग से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ।उन्होंने कहा कि पीएलभी अगर विवाद को निपटाने में नाकामयाब होते हैं तो उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव की सहायता से मामले का निर्णय करने में सहयोग देना चाहिए ।उन्होंने कहा कि पारा लीगल वॉलिंटियर्स लोगों को विशेष कर समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को शिक्षित करेंगे ताकि वह अपना अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक हो सके तथा कानून के अनुसार कर्तव्य और दायित्वों का निर्वहन कर सके ।प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के सदस्य धीरेंद्र किशोर व सुधा गुप्ता ने भी सी डब्लू सी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर शैलेंद्र कुमार पांडेय,अखिलेश चौबे ,इंदु भगत, अनीता मिंज, उर्मिला देवी ,सुखाडी मिंज, मुकेश मुंडा ,शैल शिखा,बसंती देवी ,संगम स्वराज, निक्कू पाठक, ऋषि कुमार, महेंद्र नाथ सिंह, प्रमोद शुक्ला समेत सैकड़ो पारा लीगल वोलेंटियर उपस्थित थे।

Related posts