बाल संरक्षण के मुद्दे पर आयोजित हुई एक दिवसीय कार्यशाला

 

उप विकास आयुक्त सह एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, एसडीएम, एसपी समेत अन्य स्टेकहोल्डर हुए शामिल

 

जमशेदपुर : डीसी अनन्य मित्तल के निर्देश पर सिदगोड़ा स्थित टाउन हॉल में बुधवार मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत बाल संरक्षण के मुद्दे पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें उप विकास आयुक्त सह एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार, एसपी ग्रामीण ऋषभ गर्ग, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा नेहा संजना खलखो, सभी बीडीओ समेत अन्य स्टेक होल्डर उपस्थित रहे। इस दौरान मिशन वात्सल्य के स्पॉन्सरशिप योजना, फॉस्टर केयर योजना एवं बाल विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। साथ ही चाइल्ड प्रोटेक्शन पॉलिसी, वल्नेरेबिलिटी मैपिंग, सड़क पर जीवनयापन करने वाले बच्चों के लिये नीति, बाल श्रम, बाल व्यापार, बाल विवाह, बाल संरक्षण, पॉक्सो, किशोर न्याय अधिनियम, बच्चों से जुड़े अन्य कानून पर चर्चा कर विभिन्न स्टेकहोल्डर का उन्मुखीकरण किया गया।

वहीं उप विकास आयुक्त सह एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने उपस्थित सदस्यों से अपील किया कि वे किशोर-किशोरियों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी स्टेकहोल्डर का दायित्व है कि न केवल ऐसे बच्चों के शैक्षणिक विकास में, बल्कि उनके मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक कल्याण में भी अहम भूमिका निभायें। उन्होंने बाल सुरक्षा, बाल विवाह रोकथाम और मिशन वात्सल्य जैसी योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल भी दिया। साथ ही बच्चों को उनके अधिकारों, अवसरों और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने की अपील की। इसी तरह एसडीएम ने लोगों से अपील किया कि वन स्टॉप सेंटर एवं चाईल्ड हेल्पलाइन की सुविधा के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए। ताकि पीड़ितों को मदद मिल सके। उन्होंने सखी-वन स्टॉप सेंटर हेल्पलाइन नंबर-9430123165, टोल फ्री नंबर-181 तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर-1098 को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करने की बात भी कही। जिससे निजी एवं सार्वजनिक स्थलों पर परिवार, समुदाय, कार्यस्थल के अंदर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक दुर्व्यवहार एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं का सहयोग किया जा सके। जबकि ग्रामीण एसपी ने कहा कि जो भी बच्चे अपने राह से भटक गए हैं, उन्हें वापस मुख्यधारा से जोड़ने तथा पुनर्वास करने का एक संपूर्ण मिशन है। उन्होंने कहा कि मिशन वात्सल्य एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है और जिसका उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा, कल्याण एवं सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने योजना के तहत परिवार आधारित गैर-संस्थागत देखभाल के महत्व को रेखांकित किया ताकि कठिन परिस्थितियों में बच्चों को समाज तथा सरकारी-गैर सरकारी संगठनों व संस्थाओं से सहयोग मिल सके। कार्यशाला में अनाथ एवं पीड़ित बच्चों के क्षमता निर्माण और अभिसरण पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के बीच एकीकृत और समन्वित प्रयास किए जाने, बच्चों के क्षमता वर्धन के माध्यम से सभी हितधारकों को न केवल मिशन वात्सल्य के उद्देश्यों को समझने, बल्कि उन्हें योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से भी परिपूर्ण करने पर जानकारी दी गई।

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