जमशेदपुर सिविल कोर्ट में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पढ़ी संविधान की प्रस्तावना

 

जमशेदपुर : नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के निर्देशन में मंगलवार जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अनिल कुमार मिश्रा के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया। इस दौरान सभी न्यायिक पदाधिकारियों ने भी एक साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। मौके पर प्रधान जिला न्यायाधीश ने संविधान के निर्माण, इसके प्रस्तावना एवं इसके लागू होने पर चर्चा भी की। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना एक परिचयात्मक कथन है और जो संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों और मूल मूल्यों को रेखांकित करता है। यह भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है। अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत किया गया। जबकि 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के दौरान जिला विधिक प्राधिकार के सचिव राजेंद्र प्रसाद के अलावा न्यायालय के कर्मचारी भी शामिल हुए। इसी तरह घाटशिला व्यवहार न्यायालय में भी संविधान दिवस पर उसकी प्रस्तावना का पाठ किया गया। जिसमें वहां पदस्थापित सभी न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान सभी ने अंगीकृत किए गए संविधान का अक्षरशः पालन करने की शपथ भी ली। दूसरी ओर जिले के सभी प्रखंड पंचायत एवं थानों में खोले गए विधिक सहायता केंद्र में पदस्थापित पारा लीगल वॉलिंटियर्स द्वारा अलग-अलग जगहों पर संविधान दिवस पर कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इस दौरान उपस्थित लोगों को संविधान में वर्णित उनके मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य की जानकारी भी दी गई। जिसके बाद सभी ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

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