मुख्यमंत्री ने पोटका डिग्री महाविद्यालय के अलावा 100 योजनाओं का किया शिलान्यास, तीन का हुआ शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कुल 119 करोड़ 19 लाख 291 रुपए राशि की विभिन्न योजनाओं की दी सौगात

 

जमशेदपुर : राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि शुक्रवार राज्य सरकार द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका क्षेत्र में डिग्री महाविद्यालय का शिलान्यास किया गया है। साथ ही आने वाले दिनों में इस डिग्री महाविद्यालय में उच्च शिक्षा की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी। इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अब जमशेदपुर या फिर अन्य शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य के आदिवासी, मूलवासी, किसान, मजदूर, पिछड़ा, अल्पसंख्यक समेत सभी वर्ग-समुदाय के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराया जा सकेगा। जिसके लिए उनकी सरकार निरंतर प्रयासरत भी है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने पोटका डिग्री महाविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य की समृद्ध जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषाओं के विकास एवं संवर्धिकरण के लिए अब प्राथमिक विद्यालयों से ही इन भाषाओं में पढ़ाई शुरू होगी। संताली, मुंडारी, उरांव समेत जनजातीय भाषाओं के घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। राज्य में बंगाली तथा उड़िया भाषा की पढ़ाई भी प्राथमिक विद्यालयों से शुरू हो, यह उनकी सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आधुनिक युग में राज्य के युवा पीढ़ी तथा स्कूलों में अध्यनरत विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। राज्य की दशा और दिशा तभी बदलेगी जब यहां के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सरकारी ऑफीसर समेत अन्य बड़े पदों को सुशोभित करेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड खनिज संपदाओं से भरा प्रदेश है। जब झारखंड के युवा पीढ़ी पढ़-लिखकर काबिल बनेंगे, तभी यहां की खनिज संपदाओं का उपयोग जनहित तथा राज्य हित में किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश धनी प्रदेश के रूप में जाना जाता है। परंतु यहां की जनता गरीबी रेखा से नीचे रहकर जीवन-यापन करती है। जब यहां बच्चे मैट्रिक पास करते हैं तब परिवार की माली हालत खराब रहने के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़कर उनके परिजन उन्हें प्राइवेट नौकरी अथवा मजदूरी का काम करने को कहते हैं। उच्च शिक्षा के लिए पैसों की कमी होनहार विद्यार्थियों के लिए अभिशाप बनती है। इस स्थिति को बदलने के लिए उनकी सरकार विद्यार्थियों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से मदद भी कर रही है। जिसके तहत उच्च शिक्षा के डिग्री के लिए जरूरत के हिसाब से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी एवं मूलवासी समेत अन्य वर्ग समुदाय के वैसे बच्चे जो विदेश में स्थापित शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई करना चाहते हैं‌ उन्हें भी सत प्रतिशत स्कॉलरशिप राशि देकर अन्य देशों में पढ़ाई करने का मौका उनकी सरकार दे रही है। साथ ही मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था के हर स्तर पर प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने राज्य के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे 5 हजार सरकारी विद्यालयों को बंद करने का कार्य किया था। प्राइमरी विद्यालय बंद होने से यहां के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, मजदूर, किसान समेत सभी-वर्ग समुदाय के बच्चों के प्रारंभिक शिक्षा से वंचित हुए थे। उनकी सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कृत संकल्पित है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार एवं सकारात्मक बदलाव लाने के लिए राज्य में संचालित सरकारी विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय एवं स्मार्ट मॉडल स्कूल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। अब राज्य के बच्चे भी निजी विद्यालयों के तर्ज पर इन उत्कृष्ट विद्यालयों में निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार स्कूलों में अध्यनरत विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति राशि में तीन गुना तक वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर लगातार प्रयासरत है। आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत और सुदृढ़ करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। झारखंड में सोना, यूरेनियम, तांबा, लोहा, पत्थर, कोयला समेत अन्य खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। फिर भी यहां के लोग गरीबी में जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री आवास से वंचित पात्र 8 लाख परिवारों को ही नहीं बल्कि राज्य के 20 लाख आवास विहीन परिवारों को अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध कराएगी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अबुआ आवास योजना की परिकल्पना की गई थी और उनके इस महत्वाकांक्षी योजना को हम धरातल पर उतार रहे हैं। आने वाले 3 महीनों के बाद 9 लाख परिवारों को अबुआ आवास योजना का लाभ राज्य सरकार देगी। कोई भी परिवार अब झोपड़ी या कच्चे मकान में रहने को विवश न रहे, यह उनकी सरकार का ध्येय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उनकी सरकार राज्यवासियों को 125 यूनिट बिजली निःशुल्क उपलब्ध कराएगी। सभी उपभोक्ताओं के घरों पर बिजली का मीटर भी फ्री में लगाया जाएगा। इसी तरह बिजली बिल की विसंगतियों को भी सुधरा जाएगा। मौके पर पोटका विधायक संजीव सरदार, बहरागोड़ा विधायक समीर महंती, जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष मोहन कर्मकार, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, जिले के डीसी अनन्य मित्तल और एसएसपी किशोर कौशल समेत अन्य भी मौजूद थे।

Related posts