लौहनगरी में लिखी जा रही है गैंगवॉर की पटकथा, आदित्यपुर से लेकर उड़ीसा तक के अपराधी है सक्रिय

 कार्बाइन, पिस्टल, देसी कट्टा और बम के साथ अपराधी हैं तैयार

मौके की तलाश में की जा रही है एक दूसरे की रेकी, कभी भी छिड़ सकती है शहर में गैंगवॉर

जमशेदपुर : इन दिनों लौहनगरी जमशेदपुर में अपराधियों द्वारा गैंगवॉर की पटकथा लिखने की कोशिश जारी है। मगर तलाश है तो सिर्फ एक मौके की। वहीं घटना को अंजाम देने के लिए हथियारों के जखीरे के साथ अपराधी रेकी करने में भी लगे हुए हैं। तैयारी ऐसी है कि सोचने से ही शहर धुंए में नजर आने लगता है। अपराधियों के पास एक से एक हथियार भी मौजूद है। जिसमें कार्बाइन, ऑटोमेटिक पिस्टल, देसी कट्टा के साथ साथ देसी बम भी बहुतायत मात्रा में मौजूद है। वहीं रेकी करने के लिए अपराधी चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। जिसमें सफेद रंग की स्कॉर्पियो वाहन समेत आधे दर्जन से ज्यादा बाइकें भी शामिल है। वहीं दिन-ब-दिन टकराव की स्थिति बढ़ती जा रही है। मगर जिला प्रशासन इससे बेखबर है। निशाना बनाने वाले और निशाना बनने वाले दोनों ही चौकन्ने हैं। बावजूद इसके निशाना बनाने वाले अपराधी शहर में बेखौफ होकर हथियारों के जखीरे साथ वाहनों पर घूम रहे हैं। वहीं दीपावली के आस-पास भी इन अपराधियों को शहर में 8 से 10 की संख्या में देखा गया था और जो हथियारों से लैस थे। गैंगवॉर को अंजाम देने वाले अपराधी आदित्यपुर भाटिया, बारीडीह बस्ती, परसुडीह सरजामदा व मकदमपुर, उडीशा राज्य में झारखंड बॉर्डर के पास, आजाद बस्ती और सीतारामडेरा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन अपराधियों में सोनारी बम कांड और मानगो नदी के किनारे हुई हत्याकांड का आरोपी भी शामिल है और जो अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वहीं विगत दिनों घाघीडीह सेंट्रल जेल में गैंगस्टर की हत्या, जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में हत्या, सोनारी में बम कांड, टेल्को में दुर्गा पूजा के दौरान हत्या, सीताराम डेरा कोर्ट के पास हत्या और इसी साल दुमका जिले के बासुकीनाथ नंदी चौक के पास गैंगस्टर की गोली मारकर हुई हत्या गैंगवॉर का मुख्य कारण है। गैंगस्टर की हत्या के बाद कई गिरोह के अपराधी एक साथ मिलकर बदला लेने की फिराक में है। जिसको लेकर अपराधियों को आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जा रही है। इन अपराधियों का सिर्फ एक ही मकसद है और वह गिरोह के सरगना की हत्या के आरोपी को मौत की नींद सुलाना है। जिसके लिए ये दिन-रात कोशिश भी कर रहे हैं। एकाध बार तो ये हमला भी कर चुके हैं। मगर नाकाम रहे। इसलिए अब पूरी तैयारी के साथ हमला करने की इनकी योजना है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि गैंगस्टर के जिंदा रहते लाखों रुपए के हथियार भी बिहार से मंगाए गए थे। जिसमें छोटे बड़े हथियार समेत देसी बम भी शामिल थे। इनमें से कुछ हथियार तो पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर जब्त कर लिया है। मगर अब भी इनके पास कई अवैध हथियार मौजूद है। साथ ही हथियारों की नई खेप भी बिहार से मंगा ली गई है। अब ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर गैंगवॉर हुआ तो जमशेदपुर शहर धुआं धुआं हो जाएगा। बताते चलें कि लौहनगरी में गैंगवॉर की कहानी कोई नई नहीं है। बल्कि 90 के दशक से ही यहां गैंगवॉर चलता आ रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले टाटा स्टील कंपनी के स्क्रैप को लेकर गैंगवॉर हुआ करती थी और अब अवैध जमीन के धंधे के साथ साथ शहर में वर्चस्व जमाने को लेकर गैंगवॉर हो रही है। जिसके कारण शहर खासकर मानगो में कई लोगों की हत्याएं भी हो चुकी है। एक समय तो इसी गैंगवॉर के कारण टाटा स्टील कंपनी को बंद करने की नौबत तक आ गई थी। जिसके बाद कंपनी प्रबंधन ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से शहर में हो रही गैंगवॉर पर लगाम लगाने की गुहार लगाई थी। जिसपर मुख्यमंत्री ने उस समय पटना के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी और अब के एक राजनेता को स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए शहर भेजा था। उनके आते ही माफियाओं का अंत शुरू हो गया। उस दौरान जनता में नहीं बल्कि अपराधियों में खौफ का माहौल उत्पन्न हो गया। उन्होंने यहां आकर जमशेदपुर शहर को पूरी तरह नियंत्रण में ला दिया। साथ ही कई अपराधियों ने अपनी जान बचाने के लिए शहर ही छोड़ दिया। वहीं कुछ अपराधी राजनीति में आ गए और जो अब भी राजनीति में ही है। आज जरूरत है तो वैसे ही तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी की। जिनका नाम सुनते ही अपराधियों की पतलून गीली हो जाए। मगर अब समय बदल गया है और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त हो रहा है। जिसके कारण जिला प्रशासन पूरी तरह उनपर लगाम नहीं लग पा रही है। जिला प्रशासन की मंशा शहर को अपराध मुक्त बनाना है। मगर कहीं ना कहीं राजनीति का पेंच आने से वे ऐसा करने में नाकाम भी साबित हो रहे हैं।

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