डीसी ने की आईटीडीए एवं कल्याण विभागीय योजनाओं की समीक्षा 

 

– कार्य में गति लाएं, शिथिलता बरतने वाले संवेदकों को करें ब्लैकलिस्ट

 

जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में गुरुवार को डीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में आईटीडीए एवं कल्याण विभागीय योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक संपन्न हुई। जिसमें पीडी आईडीटीए दीपांकर चौधरी, जिला कल्याण पदाधिकारी राजेन्द्र गुप्ता समेत अन्य भी उपस्थित रहे। प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, साईकिल वितरण, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन, बिरसा आवास योजना, वन पट्टा वितरण, कब्रिस्तान, जाहेरस्थान घेराबंदी, छात्रावास निर्माण समेत अन्य विभागीय योजनाओं में अधतन प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2022-23 के प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 1-8) के 123293 लाभुक छात्र हैं। जिनमें लगभग 2400 बच्चों को उनके बैंक खाता में त्रुटि के कारण राशि डीबीटी नहीं हो सकी। वहीं कक्षा 9 से 10 में 25546 लाभुक छात्रों में से 811 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि नहीं मिल सकी। जिला शिक्षा पदाधिकारी को 7 दिनों में एलडीएम, बीईईओ, प्राचार्य से समन्वय बनाकर अपडेटेट बैंक खाता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। ताकि शेष सभी छात्रों को छात्रवृत्ति राशि डीबीटी किया जा सके। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल लक्ष्य 140504 छात्रों को प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति देने के विरूद्ध 131910 को भुगतान किया गया है और शेष छात्रों को 15 जुलाई तक अनिवार्य रूप से छात्रवृत्ति भुगतान का निर्देश दिया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि का भुगतान 30 जुलाई तक 2799 छात्रों को किया जाएगा। इसी तरह सरकारी स्कूल के बच्चों को विद्यालय आवागमन के लिए राज्य सरकार द्वारा साइकिल वितरण किया जाता है। समीक्षा में 17214 के लक्ष्य के विरूद्ध 904 छात्रों को साइकिल वितरण की जानकारी दी गई। इस दौरान डीसी ने तेजी लाने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्रखंडों में साइकिल फिटर की संख्या बढ़ायें और जल्द से जल्द कैम्प मोड में सभी बच्चों के बीच जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसका वितरण सुनिश्चित करें। वहीं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी बिरसा आवास योजना में 193 के स्वीकृति के विरूद्ध 171 निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और शेष 22 लाभुकों का जल्द से जल्द आवास निर्माण पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि लाभुक जल्द से जल्द आवास निर्माण पूर्ण कर नए घर में शिफ्ट हों। इसके लिए संबंधित पदाधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर आवास निर्माण पूर्ण करायें। जनवरी 2020 से जून 2024 तक जिला स्तर पर 1176 व्यक्तिगत तथा 40 सामुदायिक वन पट्टा वितरण की स्वीकृति दी गई। जिनमें लाभुकों को 602 हेक्टेयर रकवा जमीन उपलब्ध कराया गया है। सामुदायिक वन पट्टा के ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को योजना का लाभ दिलाने के लिए निर्देशित किया गया। ताकि एक समूह को लाभ मिल सके और जिससे पूरे समुदाय के उत्थान में सहायक हो सके। वहीं कब्रिस्तान, जाहेरस्थान, सरना, मसना, हड़गड़ी का संरक्षण एवं विकास योजना के लंबित योजनाओं को जल्द से जल्द पूर्ण करने का निदेश स्पेशल डिविजन एवं एनआरईपी के कार्यपालक अभियंता को दिया गया। 50 शैय्या मल्टीपरपस छात्रावास निर्माण के लिए सभी अंचल अधिकारी को 2 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में लाभुक अंशदान जमा कराते हुए ब्यॉलर व लेयर कुक्कुट, बकरा, सुकर वितरण सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया गया। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व के वित्तीय वर्ष में लाभुक अंशदान जमा नहीं होने के कारण वितरण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकी। वित्तीय वर्ष 2021-21 में 660, 2022-23 में 141 तथा 2023-24 में 463 आवेदकों का एक्रो एकाउंट खुलवाना है। वैसे पंचायत जहां लाभुक बड़ी संख्या में हैं, वहां पंचायत स्तर पर ही कैंप मोड में एकाउंट खुलवाने का निदेश दिया गया। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन में 290 आवेदकों को द्वितीय किश्त की राशि निर्गत करने के लिए प्रखंडों को आवेदन भेजा गया है। मगर अब तक 239 आवेदन प्रखंडों से अप्राप्त हैं। सभी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को यथाशीघ्र लाभुकों का जांच करते हुए जिला कल्याण कार्यालय को आवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया। ताकि द्वितीय किश्त की राशि का भुगतान किया जा सके। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, एनआरईपी एवं स्पेशल डिविजन के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, सभी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी मौजूद थे।

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