विकास कार्यों के क्रियान्वयन में शिथिलता पर पोटका के बीडीओ, बीपीओ एवं नाजिर को शो कॉज
जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में डीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में सोमवार आहूत बैठक में मनरेगा, आवास एवं पंचायत राज विभाग से संबंधित योजनाओं में अधतन प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। जिसमें अबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना, पीएम जन-मन, मनरेगा में वीर शहीद पोटो हो, बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन, बिरसा हरित ग्राम तथा पंचायती राज में 15 वें वित्त, ज्ञान केन्द्र, पंचायत सशक्तिकरण राशि का व्यय आदि की समीक्षा की गई। बैठक में निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, जिला पंचायती राज पदाधिकारी रिंकू कुमारी, बीडीओ, बीपीओ, एई, जेई भी उपस्थित रहे। इस दौरान डीसी ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम विकास से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही अधिक से अधिक लोगों को इनसे जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराएं। विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में मानव दिवस सृजन में अपेक्षित प्रगति न पाये जाने पर सभी बीडीओ, बीपीओ को शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति का निर्देश भी दिया गया। प्रतिदिन कम से कम 5 योजना प्रत्येक गांव में संचालित किए जाने, सभी पंचायतों में मानव बल को रोजगार उपलब्ध कराने, 2017-18 तक की पुरानी योजना को प्राथमिकता के साथ इस शुक्रवार तक एमआईएस में बंद करने का निर्देश भी दिया गया। साथ ही रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन को दो दिन में क्लियर कराने, पौधारोपण की योजनाओं में शत प्रतिशत फेंसिंग करने, 75 फीसदी से ऊपर व्यय वाली योजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण करने, भौतिक रूप से पूर्ण योजना में यदि सामग्री मद में राशि के कारण योजना पूर्ण नहीं की जा सकी हैं तो संबंधित विपत्रों की एमआईएस में इंट्री करते हुए सूची जिला को उपलब्ध कराये जाने का निर्देश भी दिया गया। सभी प्रखंडों में पोटो हो खेल विकास योजना को शत प्रतिशत ऑनगोइंग कराने, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में अंशदान जमा वाले लाभुकों के शेड निर्माण के लिए अग्रेत्तर कार्रवाई तथा सभी पंचायतों में योजना अभिलेख एवं 7 रजिस्टर अनिवार्य रूप से अपडेट करने का निर्देश भी दिया गया। उन्होंने आवास योजना की समीक्षा में कहा कि वैसे लाभुक जो आवास निर्माण कार्य में शिथिलता बरत रहे हैं, स्थल निरीक्षण कर प्रगति लायें। बीडीओ एवं बीपीओ क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं की मॉनिटरिंग करें। वित्तीय वर्ष 2023-24 में अबुआ आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत 8138 आवासों के विरूद्ध लंबित 71 प्रथम किस्त, लंबित 156 द्वितीय किस्त एवं लंबित 494 तृतीय किस्त को 18 दिसंबर से पूर्व भुगतान करने का निर्देश सभी बीडीओ को दिया गया। अबुआ आवास योजना में पोटका में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किस्त का भुगतान सबसे ज्यादा लंबित पाया गया। जिसपर बीडीओ पोटका को शो कॉज किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अबुआ आवास योजना अंतर्गत आवंटित 29934 के लक्ष्य के आलोक में अबतक केवल 23345 लाभुकों का स्वीकृति कराया गया है। शेष 6589 लाभुकों को प्राथमिकता सूची के अनुसार अद्यतन तिथि तक रजिस्ट्रेशन/स्वीकृति/प्रथम किस्त निर्गत नहीं करने के संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अप्रसन्नता जताते हुए लक्ष्य विरूद्ध शतप्रतिशत प्राथमिकता वार अयोग्य लाभुकों को विलोपन करते हुए योग्य लाभुकों को रजिस्ट्रेशन/स्वीकृति/प्रथम किस्त भुगतान निर्गत करने का निदेश दिया गया। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-2022 में स्वीकृत आवासों के विरूद्ध अद्यतन तिथि तक लंबित 368 लाभुकों का आवास पूर्ण करने के लिए लाभुकों को नोटिस निर्गत करने के साथ निरंतर समीक्षा करते हुए यथाशीघ्र आवासों को पूर्ण कराने का निदेश दिया गया। वहीं बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना में पोटका अंतर्गत 38 लाभुकों में से 11 का द्वितीय एवं तृतीय किस्त भुगतान लंबित रखने पर नाराजगी जताते हुए संबंधित नाजीर को शो कॉज किया गया। वित्तीय वर्ष 2016-24 में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत 2864 आवासों के विरूद्ध सभी लंबित किस्तों को भुगतान करने का निर्देश भी दिया गया। पीएम जन-मन योजना अंतर्गत अद्यतन तिथि तक स्वीकृति 968 आवासों के विरूद्ध लंबित किस्तों को अविलम्ब भुगतान करने, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण – 2.0 के लिए पंचायत स्तर में शत प्रतिशत लाभुकों के सर्वेक्षण करने का निर्देश भी दिया गया। पंचायत राज विभाग के योजनाओं की समीक्षा के क्रम में सभी बीडीओ को पंचायतों में बनाये गए ज्ञान केन्द्र के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से जागरूकता लाने का निर्देश भी दिया गया। जिले में अबतक कुल 78 पंचायत ज्ञान केंद्र की स्थापना की गई है। जिसपर डीसी ने कहा कि ज्ञान केन्द्र में प्रतियोगी परीक्षाएं की पुस्तकें भी हैं और जिसका लाभ छात्र-छात्राएं उठा सकते हैं। 15 वें वित्त आयोग की समीक्षा के क्रम में पंचायत समिति स्तर पर जमशेदपुर, गुड़ाबांदा एवं घाटशिला का व्यय 30 प्रतिशत से कम तथा ग्राम पंचायत स्तर पर जमशेदपुर, गुड़ाबांदा, धालभूमगढ़, चाकुलिया, पोटका एवं घाटशिला का औसत व्यय 40 प्रतिशत से कम पाया गया। जिसे नियमित समीक्षा करते हुए 31 दिसंबर तक 60 प्रतिशत तक नियमानुसार व्यय करने का लक्ष्य दिया गया। पंचायत सचिव, प्रखण्ड समन्वयक, कनीय अभियंता आदि की उपस्थिति बायोमेट्रिक के माध्यम से अनिवार्य रूप से दर्ज करने तथा नियमित क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं की मॉनिटरिंग का निर्देश भी दिया गया।