मेदिनीनगर: उपायुक्त शशि रंजन ने शुक्रवार को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमआरएमसीएच) का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने नये अस्पताल भवन के साथ साथ सभी वार्डो का जायजा लिया। सफाई एवं समय पर डाक्टरों की उपस्थिति देखी। हालांकि, उपायुक्त ने कई असुविधाओं को भी देखा और सुधार करने के लिए निर्देशित किया।उपायुक्त ने करीब 45 मिनट तक पूरे अस्पताल परिसर का जायजा लिया। उनके साथ जिले के सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार, डा. आरके रंजन, डीपीएम दीपक कुमार सहित अन्य डाक्टर एवं कर्मी मौजूद थे।निरीक्षण के बाद उपायुक्त ने कहा कि ऑपरेशन थियेटर एक है, उसको तीन में कनवर्ट किया जा सकता है। आइसीयू और पीएसीयू की सुविधा बढ़ायी जा सकती है। इसके लिए तैयारी की जा रही है।एमआरएमसीएच में एमडी पीडियाट्रिक्स की आवश्यकता महसूस की गयी है। डीएमएफटी से एक डाक्टर को ट्रेनिंग कराकर परमानेंट उसे एमडी पीडियाट्रिक्स के रूप में बहाल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में अनावश्यक रूप से दिनभर जमा रहने वाले लोगों एवं अस्पताल में भर्ती मरीज को बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में ले जाने पर जल्द एक्शन लिया जायेगा। कोई भी एक्स्ट्रा आदमी अस्पताल में अनावश्यक रूप से मौजूद नहीं रहेगा।मौके पर मौजूद सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि उपायुक्त ने असुविधाओं को देखकर उसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। सफाई और डाक्टरों की उपस्थिति पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। शिशुओं, बच्चों और किशोरावस्था की चिकित्सा देखभाल से संबंधित कार्य के लिए एमआरएमसीएच में एमडी पीडियाट्रिक्स की बहाली होगी। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित हर चीज से निपटना आसान हो जायेगा। यदि दो साल तक एमडी पीडियाट्रिक्स रह जाते हैं तो यहां इसकी पढाई भी शुरू हो जायेगी और पीजी की क्लास भी शुरू हो जायेगी।उन्होंने कहा कि 15 से 20 दिनों में और परिवर्तन देखने को मिलेगा। उन्होंने आम लोगों से साफ-सफाई को लेकर सहयोग की अपील की। साथ ही कहा कि अस्पताल परिसर में जहां तहां गंदगी न फैलाएं। निर्धारित जगह पर ही कचड़ा फेंके। उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने असुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए एक जनरेटर और 100 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाने की बात कही है।सीएस ने कहा कि यदि एमआरएमसीएच में असुविधा पैदा करने वाले चाहे कर्मचारी हों या अन्य लोग सभी पर एक समान कार्रवाई होगी। जो भी व्यक्ति गलत हरकत में पाया जाता है, उसे चिह्नित कर उनकी जानकारी दें। पहचान गोपनीय रखकर कार्रवाई की जायेगी।