गढ़वा जेल में बंद साइबर ठगी के आरोपी अखिलेश की हुई मौत

गढ़वा: वेबसाइट बनाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के आरोपित गढ़वा जेल में बंद अखिलेश कुमार की मौत गुरुवार की सुबह इलाज के दौरान सदर अस्पताल में हो गई। अंत्यपरीक्षण के बाद पुलिस के द्वारा शव स्वजनों को सौंप दिया गया।अखिलेश श्री बंशीधर नगर थाने के चेचरिया का रहने वाला था। पिछले वर्ष 4 दिसंबर 23 को पुलिस के द्वारा अखिलेश कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, तब से वह गढ़वा जेल में बंद था। प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 जनवरी 24 को तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन के द्वारा अखिलेश का जांच कराया गया तो यक्ष्मा रोग होने का पता चला। जेल में ही अखिलेश का यक्ष्मा का इलाज चलने लगा। गत 21 फरवरी को फालोअप जांच में नेगेटिव पाया गया। प्रत्येक माह अखिलेश का जांच किया जा रहा था, जिसमें हर बार नेगेटिव आ रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को अखिलेश का तबीयत ज्यादा खराब होने पर सुबह इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां आधे घंटे के अंदर उसकी मौत हो गई। मौत के बाद पत्नी गीता देवी ने जेल प्रशासन पर जानबूझकर मारने का आरोप लगाई है। गीता ने बताया कि जेल जाने से पहले अखिलेश को किसी तरह की कोई बिमारी नहीं थी। जनवरी 24 में जांच के बाद यक्ष्मा होने की बात बताया गया था। पूर्व में तबीयत खराब होने पर हम लोग इलाज के लिए बाहर ले जाना चाह रहे थे, पर जेल प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिया गया। तबीयत ठीक हुए बगैर ही सदर अस्पताल से अखिलेश को जेल भेज गया था। बकौल गीता आगामी 10 जून को अखिलेश का बेल होना था, बेल होने से पहले ही जेल प्रशासन के द्वारा अखिलेश को मार दिया गया। मौत के बाद दिखावे के लिए इलाज हेतु अस्पताल लाया गया था। सूत्र बताते हैं कि तीन-चार दिन से अखिलेश जेल में सोया रहता था, भोजन भी नहीं कर रहा था। ज्यादा तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन के द्वारा इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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