डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए उपायुक्त ने जागरूकता रथ को किया रवाना

संवाददाता
लातेहार: डायन कुप्रथा उन्मूलन हेतु सोमवार को उपायुक्त गरिमा सिंह के द्वारा समाहरणालय परिसर से तीन जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि जिला के सुदूरवर्ती ग्रामों से समय-समय पर डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं के साथ क्रूरता के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। डायन प्रथा समाज के लिए एक अभिशाप है, जिसका शिकार ज्यादातर गरीब, कमजोर एवं विधवा, एकल महिलाएं होती है।कहा कि डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 के तहत किसी महिला को डायन के रूप में पहचान करने वाले तथा उसे पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्रवाई करने वाले को अधिकतम 3 महीने तक कारावास की सजा तथा ₹1000 जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। इसके अलावा किसी महिला की डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना देने, जानबूझकर या अन्यथा प्रताड़ित करने पर 6 माह की अवधि के लिए कारावास की सजा अथवा ₹2000 तक जुर्माना अथवा दोनों प्रावधानित है। मौके पर उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेंब्रम, जिला योजना पदाधिकारी संतोष भगत, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा श्रेयांश, डीपीएम-जेएसएलपीएस, आदि उपस्थित थें।

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