पलाशबनी पंचायत में शिविर लगाकर आदिम जनजाति के 11227 लाभुकों के बीच 159 करोड़ के परिसंपत्तियों का हुआ वितरण

जमशेदपुर : झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर एवं जिला प्रशासन के तत्त्वाधान में शनिवार को जमशेदपुर सदर प्रखंड के पलाशबनी पंचायत में आदिम जनजाति और समाज के कमजोर वर्ग के लिए संचालित सरकारी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य स्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तिकरण मेगा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद एवं विशिष्ठ अतिथियों में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी, प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश जमशेदपुर अनिल कुमार मिश्रा, झालसा के सदस्य सचिव रंजना अस्थाना, डीडीसी मनीष कुमार, डालसा सचिव नितीश निलेश सांगा, एसएसपी किशोर कौशल समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारी व जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान अतिथियों का स्वागत आदिम जनजाति के कलाकारों द्वारा छौ नृत्य व झारखंड के पारंपरिक परिधान में नृत्य मंडली द्वारा की गई। साथ ही सभी अतिथियों का मंच पर पुष्पगुच्छ, पगड़ी, पारंपरिक टोपी और सॉल ओढ़ाकर के अलावा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। वहीं प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा के स्वागत भाषण भी दिया। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह मेगा कैम्प समाज के कमजोर व्यक्तियों व आदिम जनजाति समूह को लक्षित कर आयोजित किए गए हैं। उन्होंने आदिम जनजाति के लोगों को आह्वाहन करते हुए कहा कि आप आदिम जनजाति बनकर न रहें। आप भी भारत के एक सभ्य व जागरूक नागरिक बनकर विकास के मुख्य धारा से जुडें और अपने अधिकार के प्रति सजग रहकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लें। उन्होंने कहा कि नालसा का उद्देश्य है कोर्ट में लंबित मामलों को लोक अदालत एवं मेडिएशन के माध्यम से अधिक से अधिक केसों का निपटारा करना, कोर्ट में केस आने से पहले ही उसे समझौते द्वारा स्थानीय स्तर पर ही खत्म करना व सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित लोगों तक पहुंचे। ताकि गरीब से गरीब लोगों को न्याय मिल सके। इस मेगा शिविर का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित करने का यही उद्देश्य है कि जरूरतमंद लोग अपने अधिकार से वंचित न रहे। वहीं कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी ने इस मेगा शिविर की महत्ता पर विस्तार रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित इस तरह के मेगा शिविर से लोग कानून के साथ-साथ अपने अधिकार के प्रति भी जागरूक रहेंगे। इसी तरह डीडीसी मनीष कुमार सिंहा ने आदिम जनजाति एवं कमजोर वर्ग के लिए संचालित केन्द्र व राज्य सरकार के योजनाओं की विस्तार से जानकारी भी दी। मेगा शिविर में अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में लगभग 10 हजार से अधिक लोगों ने शामिल होकर इसका लाभ उठाया। कार्यक्रम के दौरान आदिम जनजाति के सैकड़ों लाभुकों के बीच विभिन्न योजनाओं से संबंधित करोड़ों रुपयों की परिसंपत्तियां का वितरण भी किया गया। इस दौरान आदिम जनजाति के 11227 लाभुकों के बीच विभिन्न योजनाओं से संबंधित 159 करोड़ के परिसंपत्तियां वितरित की गई। वहीं शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर सरकार के कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ पात्र लोगों को योजनाओं से जोड़ने का काम भी किया गया। शिविर में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मत्स्य, पशुपालन, कल्याण, समाज कल्याण, ऊर्जा, पेयजल एवं स्वच्छता, श्रम, सामाजिक सुरक्षा, वन विभाग, आपूर्ति विभाग समेत अन्य विभागों द्वारा लगभग 25 स्टॉल लगाए गए थे। जहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पहुंचकर योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन भी किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में न्यायालय के कर्मचारी, पीएलवी समेत जिला प्रशासन की सार्थक भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन न्यायिक दंडाधिकारी एकता सक्सेना एवं ज्योत्सना पांडेय ने संयुक्त रूप से किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन एसएसपी किशोर कौशल ने दिया।

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