या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

पाकुड़ संवाददाता।

पाकुड़। नवरात्रि के सप्तमी के दिन माँ दुर्गा के सातवे स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। शहरी क्षेत्र के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसे पूरी धूमधाम के साथ श्रद्धा भक्ति से मनाया जा रहा है। माँ कालरात्रि की उपासना से प्राणी सर्वथा भय मुक्त हो जाता है।सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों का सभी मनोकामनाएं मां भगवती पूरा करती है। शनिवार को नगरनवी दुर्गा पूजा और कलश यात्रा में ग्रामीण के साथ पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष एवं राजमहल विधानसभा प्रभारी बाबूधन मुर्मू शामिल होकर पूरी विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की। तालाब से जल भरकर कलश यात्रा प्रारंभ किया गया जो गांव भ्रमण करते हुए मां दुर्गा की पूजा स्थान पर विराजमान किया गया। इस दौरान ग्रामीण मां की जयकारा करते रहे। इस अवसर पर बबूधन मुर्मू ने कहा कि की नवरात्रि के त्यौहार हम सबों में नई उमंग का संचार पैदा करता है। इसमें माता रानी का उपासना की जाती है। लोग 9 दिनों तक व्रत रखते हैं। नियम धर्म से कलश की स्थापना कर पूजा करते हैं। 9 दिनों तक चलने वाला यह पावन पर प्रत्येक वर्ष अश्विनी मास में मनाई जाती है। उन्होंने जिले वासियों को दुर्गा पूजा की बधाई दी है।

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