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रांची : राजधानी रांची में दुर्गा पूजा को लेकर उत्साह का वातावरण है। सभी इलाकों में एक से बढ़कर एक दुर्गा पूजा के पंडाल बनाएं गए हैं। दशमी के दिन मोरहाबादी सहित अन्य स्थानों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला दहन किया जाएगा। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
पंजाबी हिन्दू बिरादरी के अध्यक्ष सुधीर दुग्गल ने गुरुवार को बताया कि अब तक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाने का ट्रेडिशनल तरीका होता था, जिसमें प्रतीक स्वरूप तीर धनुष होता था। लेकिन पुतले में बिरादरी के कोई स्वयंसेवक मशाल से आग लगा देते थे। इस बार इसे अपडेट किया गया है। अब प्रतीक स्वरूप तीर धनुष तो प्रदर्शित किए जाएंगे, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जरिये रिमोट का बटन दबाते ही रावण जलने लगेगा।
इसी तरह पूर्व मंत्री सीपी सिंह और सांसद संजय सेठ भी रिमोट का बटन दबाकर कुंभकर्ण और मेघनाथ का दहन करेंगे। इस बार 70 फीट का रावण का पुतला होगा। जबकि कुंभकर्ण के पुतले की लंबाई 65 फीट और मेघनाथ का पुतला 60 फीट का होगा। उन्होंने बताया कि इस बार खास रूप से आतिशबाजी होगी।
इसके लिए कोलकाता से प्रख्यात आतिशबाजी करने वाले शेखर मुखर्जी को बुलाया गया है। इसके साथ साथ लंका दहन से पहले आधे घंटे तक जोरदार आतिशबाजी होगी। इस दौरान झारखंड के परंपरागत लोक नृत्य और संगीत के कार्यक्रम भी होंगे।
– हुंडरू में युद्ध के लिए ललकारेगा रावण
दुर्गा पूजा की दशमी को एयरपोर्ट के पास हुंडरू के छठ तालाब मैदान में 55 फीट के रावण और 50 फीट के कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाएगा। दहन से पूर्व रावण का पुतला भगवान श्रीराम को युद्ध के लिए ललकारेगा और कुंभकर्ण के पुतले के खर्राटे से मैदान गूंजेगा।
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