मेदिनीनगर: झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर के पटेल नगर स्थित आवास पर प्रेस बयान जारी कर कहा है कि इस देश के चुनावों में कालाधन व कारपोरेट के अनावश्यक हस्तक्षेप, फिजुल खर्ची व भ्रष्टाचार के आक्टोपसी जकड़न से मुक्ति पानी है,तो इस देश में संसद व राज्य विधानसभाओं के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव सरकारी खर्च पर करवाकर लूट का एम०पी०/एम०एल०ए० कोटा,पट्टा व ठेका पर रोक लगा देनी चाहिए।जारी बयान में उन्होंने कहा है कि भारतीय चुनावों में कालाधन व कारपोरेट घरानों के अकूत पैसों के कुत्सित निवेश से बनने वाली अबतक की कांग्रेस व भाजपा की अगुवाई वाली सरकारों ने भारतीय लोकतंत्र को रसातल में पहूंचाकर उसकी गरीमा धूल- धूसरित कर दिया है।जारी बयान में झारखण्ड क्रांति मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि पूंजिपतियों व कारपोरेट घरानों के चंदों से आजादी के बाद से लेकर अभी तक की घोर मनुवादी कांग्रेस की बननेवाली सरकारों ने अपने “चिर प्रतिक्षित “गरीबी हटाओ ” के नारों को आजतक पूरा नहीं किया, जबकि इस नारे को जपते हुए कांग्रेस की कई पीढ़ियां इस धरा से गुजर गईं।वहीं कालाधन व कारपोरेट के चंदे से नहीं बल्कि हिस्सेदारी व भागेदारी से बनने वाली भाजपा की अगुवाई वाली सभी घोर मनुवादी ,पूंजिवादी व सामंतवादी सरकारों ने सभी लोकलुभावन मसलन “सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास” जैसे नारे की धज्जी उड़ाते हुए देश के 80 करोड़ लोगों को 5 केजी राशन पर लाकर खड़ा कर दिया? आज ऐसी लोकतंत्र व संविधान विरोधी पार्टी की सरकार में अमीर, महा-अमीर (अडानी/अम्बानी) व गरीब, महा-गरीब बनने को अभिशप्त है।बयान के अंत में उन्होंने कहा है कि जिन पार्टियों ने आजतक अपने चुनावी वायदों व नारों को नहीं पूरा किया, कायदे से उनकी राजनीतिक दल के रूप में मान्यता समाप्त होनी चाहिए थी, लेकिन रीढ़विहीन व घिसटकर चलने में चैम्पियन बन चुका केचुआ (केन्द्रीय चुनाव आयोग) फिसलन की पराकाष्ठा का शिकार होकर लोकतंत्र का धब्बा बन चुका है।