साकची को अपने संविधान के अनुसार चुनाव का अधिकार
जमशेदपुर : कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने कहा कि किसी के धार्मिक तथा धर्म संबंधी प्रशासकीय मामले में प्रशासन अथवा सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। यह संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन होगा। उनके अनुसार धालभूम एसडीएम ने साकची गुरुद्वारा के निबंधित संविधान का उल्लंघन किया है। गुरुद्वारा का अपना संविधान है और अपने संविधान के अनुसार ही प्रधान चुनने तथा अपने विवादों का निपटारा करने की व्यवस्था है। जब पिछले चुनाव में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की कोई भूमिका नहीं थी तो अब वह क्यों कूद रही है? इससे साफ संकेत है कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान भगवान सिंह साकची गुरुद्वारा में कठपुतली प्रधान बनाना चाहते हैं और इसके लिए राजनीतिक संबंध का प्रभाव का उपयोग कर रहे हैं। उनके अनुसार गत लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में भगवान सिंह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का खुलकर समर्थन किया था और इसका फायदा उठाने के राजनीतिक प्रभाव का अवश्य उपयोग किया होगा। कुलविंदर सिंह के अनुसार साकची गुरुद्वारा चुनाव कमेटी के संयोजक सरदार सत्येंद्र सिंह रोमी 2022 चुनाव की भांति चुनाव प्रक्रिया संपन्न करें। एक बार चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद इस लोकतांत्रिक देश में संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार कोई प्राधिकार इस प्रक्रिया को रोक नहीं सकता। एसडीएम मैडम को इस तथ्य की आवश्यक जानकारी होगी। असल में केंद्रीय कमेटी के पदधारी पद के लालची हो गए हैं और वह येन केन प्रकारेण पद में बने रहना चाहते हैं। इसलिए लोकल गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव में विवाद पैदा करते हैं।