संजय सागर
बड़कागांव: बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में विस्थापन एवं बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. बड़कागांव में एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना, केरेडारी में पगार कोल खदान, एवं पतरातू में पीटीपीएस स्थापित होने के बाद विस्थापन सबसे बड़ी समस्या रही है. इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जमीन के बदले उचित मुआवजा एवं नौकरी नहीं मिली है. इस क्षेत्र की 85% जनता कृषि पर निर्भर हैं. लेकिन उनके लिए सही नीतियां नहीं बनाई गई है .सभी राजनीतिक दल हर बार चुनाव में विस्थापितों की मुद्दा उठाते हैं . चुनाव के बाद प्रतिनिधि इस मुद्दे को भूल जाते हैं. फिलहाल बड़कागांव का सबसे बड़ी मुद्दा जल जंगल जमीन बचाने की है .इसको लेकर हमेशा यहां आंदोलन होता रहता है.बड़कागांव विधानसभा सीट से राजा कामाख्या नारायण लीड करते थे. क्योंकि उनका राज क्षेत्र बड़कागांव, केरेडारी,पतरातु एवं रामगढ़ तक फैला हुआ था. इसी का लाभ उन्हें चुनाव के समय में मिलता था. इस विधानसभा सीट में राष्ट्रीय दल से लेकर क्षेत्रीय दलों के नेताओं को क्षेत्र की जनता ने अवसर दिया.
कब-कब कौन विधायक रहे
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इस विधानसभा सीट से 1951 में कामाख्या नारायण, (संथाल परगना जनता पार्टी )
1957 में शशांक मंजरी, 1962 में जारेश्वर घोष, 1967 में एम राव, 1969 में महेश राम, (जन संघ)
1974 महेश राम, 1979 कैलाशपति सिंह, 1980 में रमेंद्र कुमार,(सीपीआई )1985 रमेंद्र कुमार, 1990 रमेंद्र कुमार, 1995 में लोकनाथ महतो (भाजपा ), 2000 में लोकनाथ महतो, 2005 में लोकनाथ महतो, 2009 में योगेंद्र साव (कांग्रेस) 1914 में विधायक योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी 1919 में पूर्व मंत्री योगेंद्र साहब की पुत्री अंबा प्रसाद (कांग्रेस)विधायक चुने गए.
हैट्रिक जीत की परंपरा कायम
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बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में जब 1959 में पहली बार हजारीबाग के महेश राम विधायक बने तो लगातार तीन बार विधायक के पद पर अपना कब्जा बरकरार रखा.दूसरी बार 1969 में तथा 1974 में एक बार फिर से विधायक निर्वाचित होकर बड़कागांव विधानसभा में पहली बार हैट्रिक लगाई. बताया जाता है की विधायक महेश राम जन संघ जैसी पार्टी से दीपक छाप चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ा करते थे. फिर उसके बाद तो हैट्रिक लगाने की मानो परम्परा सी चल पड़ी हो.दूसरी बार हैट्रिक लगाने वाले विधायक सीपीआई पार्टी के रमेंद्र कुमार थे. उनका चुनाव चिन्ह हसुवा बाली हुआ करती थी. हालाँकि इन दिनों सीपीआई पार्टी अपना वर्चस्व कायम रखने में विफल रही है. विधायक रमेंद्र कुमार पहली बार 1980 में बड़कागांव विधानसभा सीट से विजयी हुए थे. दूसरी बार 1985 तथा तीसरी बार हैट्रिक के रूप में वर्ष 1990 ई. में विधायक बनकर रमेंद्र कुमार ने परंपरा दुहराने का काम किया.इसके बाद पूरे राज्य में उभरती पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने जैसे ही 1995 में बड़कागांव के लोकनाथ महतो को अपना प्रत्याशी बनाया तो जहां पहली बार अपना परचम लहराने में कामयाब रहे. दूसरी बार भाजपा ने एक बार फिर लोकनाथ महतो पर विश्वास जताया और 1999 में वह दूसरी बार विधायक बने. अब बारी थी लोकनाथ महतो को भाजपा पार्टी की हैट्रिक लगाने की और हुआ भी यही. एक बार फिर लोकनाथ महतो ने 2004 में विधायक का चुनाव एक बड़े अंतराल से जीत कर विधायकी की हैट्रिक बनाई. इस दौरान लोकनाथ महतो को वर्ष 2005 में झारखण्ड राज्य का सर्वश्रेष्ठ विधायक भी चुना गया. इसके बाद 2009 में कांग्रेस के योगेन्द्र साव विधायक बने. उन्हें राज्य के कृषि मंत्री का ओहदा भी हासिल हुआ. अगली बार यानी वर्ष 2014 के चुनाव में पूर्व विधायक योगेन्द्र साव की धर्मपत्नी निर्मला देवी ने जीत का परचम लहराया. 2019 में कांग्रेस से विधायक अंबा प्रसाद चुनी गई. भले ही पूर्व मंत्री योगेंद्र साव , तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, हैट्रिक चांस नहीं बना पाए. लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार तीन बार चुनाव जीत का हैट्रिक लगाई है. अब देखना है आने वाले विधानसभा चुनाव 2024 में विधायक अंबा प्रसाद हैट्रिक लगा पाती है कि नहीं. वैसे विधायक अंबा प्रसाद का राजनीतिक क्षेत्र में कद बढ़ी है. इन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव के रूप में मनोनीत किया गया है.
2005 से अजमा रहा है आजसू पार्टी
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2005 में आजसू पार्टी ने पहली बार पूरनराम साहू को उतारा था.2009 में भाजपा- आजसू, जदयू गठबंधन से रोशन लाल चौधरी चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन वह कांग्रेस के योगेंद्र साव से हार गए थे. 2014 में भी भाजपा, आजसू जदयू गठबंधन पार्टी के प्रत्याशी रोशन लाल चौधरी कांग्रेस के निर्मला देवी से हारकर दूसरे स्थान पर थे. 2019 में भाजपा एवं आजसू पार्टी का गठबंधन टूट गया था .भाजपा ने पूर्व विधायक लोकनाथ महतो को चुनाव मैदान में उतारा था ,जबकि आजसू पार्टी से रोशन लाल चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा था. उस समय भी रोशन लाल चौधरी कांग्रेस के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की पुत्री अंबा प्रसाद से हार कर दूसरे स्थान पर रहे थे .भाजपा के पूर्व विधायक लोकनाथ महतो तीसरे स्थान पर रहे थे.
विस्थापन , स्थानीय नीति नियोजन नीति नहीं बनी :रोशन लाल चौधरी
2019 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाले आजसू के केंद्रीय महासचिव रोशन लाल चौधरी ने कहा बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र की जनता को धोखा मिला. जो वादे स्थानीय विधायक ने किया था ,उसे पूरा नहीं किया .ना नियोजन नीति बनी ,विस्थापन नीति बनी ,और न हीं स्थानीय नीति बनी. युवाओं को रोजगार के नाम पर धोखा मिला .बिजली पानी एवं सड़क जाम का समस्या जस का तस रही .पानी के लिए बड़ी योजना जो एनडीए की सरकार द्वारा शुरू की गई थी ,उसे भी धरातल पर आज तक नहीं उतरा .इसका पूरा जिम्मेवार स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद है.
चुनावी मुद्दा
जल ,जंगल ,जमीन को बचाना, विस्थापन, पुनर्वास, रोजगार, बिजली पानी सड़क ट्रैफिक जाम, प्रदूषण, बड़कागांव, केरेडारी, पतरातु में रेफरल अस्पताल , डिग्री कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, टेक्निकल कॉलेज, सिंचाई योजना, नहर निर्माण, कोल्ड स्टोरेज, बाजार मंडी, बालू माफियाओं से नदियों को बचाना, कोल कंपनियों से जंगल और पहाड़ एवं उपजाऊ जमीन को बचाना.