हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेल प्रशासन ने अक्षय भवन को किया ध्वस्त, आगे भी जारी रहेगी कारवाई 

जमशेदपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल प्रशासन ने शुक्रवार कार्रवाई के दौरान रेलवे मेंस कांग्रेस कार्यालय परिसर में निर्मित अक्षय भवन को दो जेसीबी के सहयोग से ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि अक्षय भवन को प्रशासन ने अवैध निर्माण माना है। जबकि रेलवे मेंस कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भवन का निर्माण विशेष कार्य के लिए कराया गया था और इसकी अनुमति भी रेलवे ने दी थी। इस भवन में रेलकर्मियों समेत अन्य लोगों को ट्रेनिंग दी जाती थी। वहीं कुछ दिनों पूर्व प्रशासन ने भवन को सील भी कर दिया था। जिससे यह तय हो गया कि प्रशासन भवन को कभी भी ध्वस्त कर सकती है। वहीं रेलवे मेंस कांग्रेस के विपक्षी गुट के नेताओं ने रेल प्रशासन को दी गई शिकायत में बताया था कि अक्षय भवन में भ्रष्टाचार व्याप्त है और जिसका उपयोग कुछ यूनियन नेता अपने निजी कमाई के लिए सालों से कर रहे थे। इस दौरान किसी का नाम लिए बिना विपक्षी नेताओं ने बताया कि मेंस कांग्रेस को घर का संगठन बना लेने वालों ने इसके मूल स्वरूप को ही खत्म कर दिया। साथ ही यह रेलकर्मियों के शोषण का हथियार भी बन चुका है। इन लोगों को कहना है कि देर से ही सही पर प्रशासन ने माना कि अक्षय भवन भ्रष्टाचार की अवैध इमारत थी और जिसे गिराकर स्पष्ट संकेत भी दे दिया है।बताया जा रहा है कि तोड़े गए भवन की जमीन को रेल प्रशासन अपने कब्जे में लेकर डेवलपमेंट करेगा। इसी तरह पूरे क्षेत्र के निर्माण को तोड़ा जाना है। जिसके तहत आगे भी ऐसे ही कारवाई की जाएगी।दूसरी तरफ प्रशासन ने अक्षय भवन को गिराकर अतिक्रमणकारियों को यह सीधा संदेश दिया है कि चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली क्यूं न हो, वह रेलवे यूनियन नेता हो अथवा राजनीति दल का नेता, अवैध कब्जे को देर से ही सही ध्वस्त किया ही जाएगा। इस संबंध में टाटानगर रेलवे के अतिरिक्त सहायक अभियंता राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि अक्षय भवन के अवैध निर्माण का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन था। जहां से निर्णय आने के बाद अवैध निर्माण को सील भी किया गया था और आज उसे तोड़ने की कार्रवाई की गई हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे जमीन पर बने अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। मौके पर सहायक अभियंता, आईओडब्लयू और आरपीएफ के जवान तैनात थे।

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