जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखंड सरकार राजेश शर्मा की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई। जिसमें डीसी अनन्य मित्तल, डीडीसी मनीष कुमार समेत अन्य विभागीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में जमशेदपुर एवं आदित्यपुर प्रमंडल में पेयजलापूर्ति योजनाओं के क्रियान्वयन की अधतन स्थिति, जल जीवन मिशन में प्रगति तथा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), प्रखंडवार एफएचटीसी कवरेज, मल्टी विलेज स्कीम, प्रोजेक्ट क्लीयरेंस में एनओसी की समस्या, पेयजल जांच लेबोरेटरी, निर्माणाधीन प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट समेत अन्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए। इस दौरान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल जीवन मिशन के तहत जितनी भी छोटी-बड़ी योजनाएं जिला में ली गई हैं और उनको निर्धारित समयावधि में पूर्ण करायें। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन से आच्छादित सभी गांव और घर में नल से जल पहुंचे, इसे सुनिश्चित करें। जलापूर्ति योजनाओं का संचालन एवं रखरखाव बेहतर तरीके से हो, इसपर भी विशेष ध्यान दें। जिन क्षेत्रों में पाइप वॉटर स्कीम स्वीकृत हैं, वहां के स्वास्थ्य उप केन्द्र, सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय आदि को इससे जरूर जोड़ें। बरसात के दिनों में लोगों को दूषित पेयजल की समस्या न हो, इसकी जांच करते रहें। लेबोरेटरी से पेयजल जांच के लिए जलसहिया को सक्रिय करने तथा जिन जल सहिया द्वारा कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है। उनके स्थान पर नए जल सहिया रखने के निर्देश भी दिए गए। वहीं सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने योजनाओं के क्रियान्वयन में विभिन्न विभागों से एनओसी संबंधी मुद्दे को जिला समन्वय समिति की बैठक में रखने का निर्देश भी दिया। जिससे जिला स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। योजनाओं का उचित प्रचार-प्रसार पर बल देते कहा कि लोगों के बीच इसकी जानकारी रहे कि किसी समस्या के समाधान के लिए किनसे संपर्क करना है। सभी जेई को ब्लॉक दिवस के दिन प्रखंड मुख्यालय में रहने का निर्देश दिया गया। जमशेदपुर एवं आदित्यपुर में निर्माणाधीन प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को तय समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए गए। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा में उन्होंने कहा कि व्यवहार में बदलाव लाकर ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। खुले में शौच का दुष्प्रभाव, प्लास्टिक या अन्य कचड़े का किस तरह का निस्तारण किया जाए कि हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर न पड़े। इन सभी को लेकर आम जनमानस में जागरूकता काफी अहम है। बैठक में मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता समेत अन्य विभागीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।