भारत के भूवैज्ञानिक अन्वेषण और औद्योगिक विकास में अग्रणी – प्रमथ नाथ बोस: जयंती पर विशेष 

जमशेदपुर : प्रमथ नाथ बोस (पीएन बोस) का जन्म 12 मई 1855 को पश्चिम बंगाल नादिया जिले के गाईपूर गांव में हुआ था। 1874 में वे प्रतिष्ठित गिलक्रिस्ट छात्रवृत्ति जीतकर लंदन चले गए। जहां उन्होंने छह साल तक रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, भूविज्ञान, भौतिक भूगोल और तर्कशास्त्र का अध्ययन किया। जिसके बाद वे 13 मई 1880 को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में ग्रेडेड अधिकारी के रूप में शामिल हुए। इस दौरान 24 जून 1882 को कमला दत्त से उन्होंने विवाह किया। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जबलपुर जिले में मैंगनीज भंडार, दार्जिलिंग में कोयला, सिक्किम में तांबा और असम में पेट्रोलियम की खोज समेत महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के भीतर पेट्रोलॉजिकल कार्य में सहायता के रूप में माइक्रो-सेक्शन के अध्ययन की शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति भी थे।

वहीं 1886 में बोस ने ‘भारतीय उद्योगों के विकास के लिए सोसायटी’ के गठन का सुझाव दिया। जिसके परिणामस्वरूप 1891 में पहला औद्योगिक सम्मेलन आयोजित किया गया। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण छोड़ने के बाद वे मयूरभंज राज्य की सेवा में शामिल हो गए। 1904 में उन्होंने जेएन टाटा को मयूरभंज जिले के गोरुमहिसानी पहाड़ियों में खोजे गए लौह अयस्क के विशाल भंडार के बारे में बताया। इस जानकारी ने 1907 में टाटा आयरन एंड स्टील लिमिटेड (टिस्को) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके योगदान के सम्मान में टाटा ने 13 मार्च 1938 को जमशेदपुर में उनकी स्मृति में एक प्रतिमा स्थापित कर पीएन बोस को सम्मानित किया। पीएन बोस स्मारक आर्मरी ग्राउंड के पास स्थित है और जो भारत के भूवैज्ञानिक अन्वेषण और औद्योगिक विकास में उनकी विरासत का प्रमाण है।

Related posts