राजनीति में प्रभु श्रीराम की मर्यादा और कर्पूरी ठाकुर की ईमानदारी, सादगी, कर्मठता और संघर्ष की धारा को बल मिले सरयू राय

जमशेदपुर : विधायक सरयू राय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन आदरणीय जननायक स्व॰ कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न का सम्मान देना तभी सार्थक होगा जब राजनीति में प्रभु श्रीराम की मर्यादा और जननायक कर्पूरी ठाकुर की ईमानदारी, सादगी, कर्मठता और संघर्ष की धारा को बल मिले। साथ ही भ्रष्टाचार के विरूद्ध आवाज बुलंद हो और नियम, कानून, संविधान की सीमा, मर्यादा का महत्व स्थापित हो।
राजनीति को माध्यम बनाकर पद पाने और पद के प्रभाव को भ्रष्टाचार यानी अवैध गतिविधियों से धन अर्जित करने का माध्यम बनाने की प्रवृति शासन-प्रशासन में कोढ़ की तरह घर करते जा रही है। इसपर रोक नहीं लगी तो समाज जीवन में अराजकता फैल जाएगी और लोकतंत्र सिर्फ दिखावा बनकर रह जाएगा। चुनावी राजनीति अवैध गतिविधियों का अड्डा बन जाएगी। इसका सर्वाधिक कुप्रभाव युवा और सामाजिक-आर्थिक कमजोर वर्गों पर पड़ेगा। राजनीतिक क्षेत्र में कर्पूरी जी ने जो प्रतिमान गढ़ा उस समय की राजनीति में वह प्रमुख मुद्दा एक अनुकरणीय आदर्श का था। कर्पूरी जी और उनके समकक्ष नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसके लिए संघर्ष कर कष्ट भी झेला। भ्रष्टाचार की मुखालिफत को जन मुद्दा बनाया। जिसके बाद राजनीति भ्रष्टाचार से प्रभावित होने लगी। बावजूद इसके राजनीति में सक्रिय लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते थे। मगर आज की राजनीति में तो भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है। चोरी और सीनाजोरी का प्रभाव बढ़ते जा रहा है। भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर हर्ष, उल्लास और जश्न मनाने वालों को व कर्पूरी जी को भारत रत्न मिलने पर गर्व और खुशी की अनुभूति करने वालों को इनके द्वारा स्थापित मूल्य और मर्यादा की पुनःस्थापना का संकल्प इस अवसर पर लेना चाहिए। ताकि देश और राज्य की वर्तमान राजनीतिक संस्कृति बदले। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हो और नियम, कानून, संविधान की मर्यादा स्थापित हो।

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