जामुन दोहर का मुद्दा 120 दिन के धरने पर हल नही, पुनः आंदोलन करने की तैयारी में जुटे
खलारी: केडीएच परियोजना अंतर्गत जामुनदोहर मुद्दा पर ग्रामीण रैयत विस्थापित ने डट कर बीते 120 दिन तक लगातार आंदोलन का नतीजा त्रिपक्षीय वार्ता पर,समस्या का हल नही हुआ। समस्या का हल नही निकलने के बाद जामुन दोहर के ग्रामीण रैयत विस्थापित पुनः आंदोलन करने का रणनिति तैयार कर रही है। सीसीएल,रैयत व अंचल के साथ त्रिपक्षीय वार्ता अंचल कार्यालय सभागर में किया गया। इस वार्ता में खलारी अंचलाधिकारी प्रणव अम्बष्ठ, सहित अंचल के अधिकारी, बीसीकेयू जोनल अध्यक्ष रतिया गंझू, जेबीकेएसएस देवेंद्र नाथ महतो, केडीएच परियोजना पदाधिकारी अनिल सिंह, एस ओ पी ज्योति कुमार,प्रबंधक कार्मिक अधिकारी नवनीत शेखर,शरवेयर शैलेन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारी रैयत उपस्थित थे। त्रिपक्षीय वार्ता में रैयतों ने सीसीएल प्रबंधन से विश्रमपुर पंचायत अंतर्गत जामुन दोहर के ग्रामीणों को नौकरी,मुआवजा,पुनर्वास जल्द देने का मांग किया गया। रैयतों के मांग पर सीसीएल ने साफ शब्दों में कहा कि उक्त परियोजना अंतर्गत अंचल सत्यापन कर के दे नौकरी उसी को दिया जायेगा। वही अंचलाधिकारी ने कहा कि पेपर जिसका जमीन उसका होगा। पूरी जांच कर सीसीएल को रिपोर्ट दे दिया जायेगा। इस पर आंदोलनकारी नेताओं व ग्रामीणों ने सीसीएल और अंचल अधिकारियो का फैसला सही नही है। विश्रमपुर पंचायत के ग्रामीण 1932 के खतियान से भी अधिक वर्षो से रहते आ रहे है। अब केडीएच परियोजना का विस्तारीकरण किया जा रहा है तो नौकरी मुआवजा में बाहरी रिफ्यूजी लोगो का नाम नौकरी,मुआवजा सहित अन्य सीसीएल का सुविधा देने की बात कही जा रही है। अंचल से लेकर सीसीएल के अधिकारियों से मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाकर विस्तारीकरण जमीन के नाम पर लाखों रुपये में कुछ नामचिन लोग नौकरी बेच रहे है। रैयत ने कहा कि जिसका जमीन है,उसको नौकरी नही मिल रहा है। प्रबंधन को खदान चलाने की बारी आया तब सीसीएल 1932 के रहने वाले ग्रामीणों को खदेड़ दिया जा रहा है।