और मिलती मोहलत तो लाहौर होता कब्जे में – राम विजय सिंह

 

जमशेदपुर : नायक राम विजय सिंह सर्विस नंबर 01242031 एफ भारतीय सेना में 170 फील्ड रेजिमेंट के जवान ने 1971 के भारत-पाक युद्ध की आंखों देखी लड़ाई की दास्तां सुनाई। 25 मई 1967 को सेना में भर्ती होने वाले कदमा निवासी नायक राम विजय सिंह ने 17 साल तक देश की सेवा की। उनका विभाग आरटी का था और जो वायरलेस कम्युनिकेशन के माध्यम से सूचनाएं एकत्रित कर युद्ध के दिनों में महत्वपूर्ण कार्य किया करता था। वे आज भी उन दिनों को याद कर जोश से रुबरु हो जाते हैं। 1971 युद्ध के दौरान वे राजस्थान के लोंगेवाला पोस्ट जैसलमेर में पोस्टेड थे। उनकी ब्रिगेड 268 मीडियम रेजिमेंट उस पोस्ट से आगे बढ़ रही थी। टोनेट बेदी पोस्ट की ओर जबर्दस्त घमासान युद्ध हुआ और भारतीय सेना को वायु सेना के जहाजों का जबरदस्त समन्वय एवं सहयोग मिला। जिससे दुश्मनों की सेना पीछे हटने लगी और भारी नुकसान हुआ। नायक राम विजय सिंह की बटालियन ने 8 पाकिस्तानी टैंकों को तबाह कर दिया। सूचना इतनी पक्की थी कि भारतीय वायु सेना ने अपने जबर्दस्त प्रहार से 34 से भी ज्यादा टैंकों को नेस्तनाबूद कर दिया। उनका संदेश है कि आज की तरह अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत होती और छूट मिलती तो शायद लाहौर हिंदुस्तानी सेना के कब्जे में होता।

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