भूमि सम्बन्धी मामले में प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार दलित छतरपुर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने को मजबूर

 

मेदिनीनगर: झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु एवं मंच के पलामू जिलाध्यक्ष विजय राम ने आज मेदिनीनगर कचहरी स्थित प्रांगण में संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा है कि छत्तरपुर अंचलाधिकारी, छत्तरपुर अनुमंडल पदाधिकारी,अपर समाहर्ता पलामू समेत जिला प्रशासन के घोर असंवेदनशीलता के कारण भूमि सम्बन्धी मामले में छत्तरपुर अंचल के चोड़ार उर्फ उदयगढ़ ग्रामवासी अनुसूचित जाति के शिवनन्दन राम का परिवार आगामी 9 जुलाई 2024 को छत्तरपुर अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करने को मजबूर है,इस मामले में जिले के उपायुक्त व राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र प्रेषित करने के बाद भी अंचलाधिकारी व अनुमंडल पदाधिकारी छत्तरपुर चुप्पी साधे हुए हैं,जो काफी चिंता का विषय है।प्रेस को संबोधित करते हुए भुक्तभोगी शिवनन्दन राम ने कहा कि मेरे हिस्से की जमीन ग्राम उदयगढ़ में अर्जुन राम वैगरह द्वारा दबंगई दिखाते हुए रंगदारी के साथ हर्वे-हथियार से लैश होकर धारा 144 लागू होने पर भी लगी फसल को काट लिया गया और लूटने का प्रयास जारी है।उक्त निषेधाज्ञा के विरुद्ध प्रथम पक्ष द्वारा धारा 188 के तहत कार्रवाई किए जाने से सम्बंधित आवेदन पत्र के जांच प्रतिवेदन थाना छत्तरपुर द्वारा चार माह पूर्व प्रेषित करने के बावजूद भी छत्तरपुर अनुमंडल कार्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुआ।गौरतलब है कि छत्तरपुर अंचलाधिकारी को उपायुक्त पलामू व अपर समाहर्ता पलामू के द्वारा पत्रांक 375,दिनांक 24/02/2023, पत्रांक 1323,दिनांक 5/7/2023 व पत्रांक 2123, दिनांक 5/8/2023 के माध्यम से डिमांड अलग कर बंटवारा कराने का निर्देश अंचलाधिकारी छत्तरपुर को दिया गया, लेकिन उस पर आज तक कार्रवाई नहीं किया गया, जिससे बाध्य होकर हम सपरिवार 9 जुलाई को छत्तरपुर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करेंगे।प्रेस वार्ता के क्रम में केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने कहा कि जमीन का रिकॉर्ड रजिस्टर 2,पर्चा/रसीद व वंशावली के द्वारा सभी दस्तावेज शिवनन्दन राम पिता-परन राम के हक-हिस्से के पक्ष में है, फिर अनुमंडल व जिला प्रशासन क्यों चाहता है कि दलित समाज आपस में कट मरे? आखिर क्यों पूरे छत्तरपुर अनुमंडल को पत्थर माफियाओं के हवाले कर लूटने में मशगूल अनुमंडल प्रशासन दलितों के इस भूमि विवाद का हल निकालने के बदले लाशों के ढेर का इंतजार कर रहा है? निश्चित रूप से आत्मदाह की उक्त घटना में अगर जान-माल का नुक़सान हुआ तो प्रशासन को हम चैन की सांस नहीं लेने देंगे।ज्ञातव्य है कि दूसरे पक्ष के द्वारा शिवनन्दन राम के परिवार को जान से मारने की बार-बार धमकी दी जा रही है,अगर सचमुच इस तरह की घटना घटती है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।

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