रांची: अपर न्यायायुक्त दिनेश कुमार की अदालत ने बुधवार को पुलिस मुखबिर के आरोप में दोहरे हत्याकांड भूषण कुमार सिंह और राम गोबिंद की हत्या मामले में दोषी पूर्व तोरपा विधायक पौलूस सुरीन और नक्सली जेठा कच्छप को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने पौलूस सुरीन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, जबकि जेठा कच्छप पर 45 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर दोनों को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
इससे पूर्व छह अप्रैल को अदालत ने मामले में ट्रायल फेस कर रहे तीन महिला और कृष्णा महतो को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। जबकि दोनों आरोपितों को दोषी करार दिया था।पौलूस सुरीन दो बार झामुमो के विधायक रह चुके हैं।
घटना खूंटी के तोरपा में वर्ष 2013 की है। मामले में पुलिस मुखबिर भुषण सिंह और राम गोविंद की हत्या कर दी गई थी। मामले में पौलूस सुरीन, नक्सली जेठा कच्छप ,कृष्णा महतो और तीन महिला सहित छह आरोपित ट्रायल फेस कर रहे थे। इसी मामले में पीएफएलआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी ट्रायल फेस रहे हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश किए गए थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश किया गया। हत्याकांड की घटना को लेकर कर्रा थाना में कांड संख्या 27/2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुआ था। अपराधियों ने इन दोनों की घर के सामने चबूतरा में अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी।