कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनजातीय समुदाय के विकास और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए चार मंत्रियों की एक समिति का गठन किया है। जनजातीय समुदाय से जुड़े कई मुद्दों, जैसे जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई और भूमि पर अवैध कब्जे, को लेकर शिकायतें सामने आई थीं। मुख्यमंत्री ने इन शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देते हुए यह समिति बनाई है।
राज्य की जनजातीय सलाहकार समिति की बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने इन समस्याओं पर असंतोष व्यक्त किया और तुरंत कार्रवाई करते हुए समिति का गठन किया। इस समिति में पिछड़ा वर्ग कल्याण और जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बुलू चिक बराइक, पश्चिमांचल उन्नयन परिषद की स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री संध्या रानी टुडू, खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री ज्योत्सना मंडी और वन मंत्री बिरबाहा हांसदा को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने इन मंत्रियों को जनजातीय लोगों के घर जाकर उनकी समस्याओं को समझने और सरकार के साथ उनके संबंध बेहतर करने का निर्देश दिया है। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जनजातीय भूमि पर किसी तरह का जबरन कब्जा न हो।
ममता बनर्जी ने समिति को यह जिम्मेदारी दी है कि जनजातीय समुदाय के विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए। इसके अलावा, उन्होंने जनजातीय समुदाय को अपने क्षेत्रों में होमस्टे स्थापित करने के लिए प्रेरित करने का सुझाव दिया, ताकि वहां पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। मुख्यमंत्री की इस पहल का उद्देश्य जनजातीय समुदाय की समस्याओं का समाधान करना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है।