जब तक पीआईएल की सुनवाई होगी पूरी, तब तक और सैकड़ों अवैध निर्माण बनकर हो जाएंगे तैयार
जमशेदपुर : जब तक पीआईएल की सुनवाई पूरी होगी, तब तक शहर में और सैकड़ों अवैध निर्माण बनकर तैयार हो जाएंगे। जबकि माननीय झारखंड हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा रखी है। बावजूद इसके अवैध निर्माणों का सिलसिला थम नहीं रहा है। इन अवैध निर्माणों में शहर का सोनारी क्षेत्र सबसे अव्वल है। वहीं दूसरे नंबर पर कदमा है। मगर जमशेदपुर अक्षेस विभाग इनपर कारवाई करने के बजाय मौन साधे हुए हैं। जिससे बिल्डरों का मनोबल सांतवे आसमान में है और वे अवैध निर्माण करने से नहीं चुक रहे हैं। अगर हम बात करें सोनारी क्षेत्र की तो खुंटाडीह आरएमएस स्कूल के पास बिल्डर प्रवीण सिंह द्वारा नक्शा का विचलन कर अब तक तीन तल्ला का निर्माण किया जा चुका है और जो आगे भी जारी रहेगा। इसी तरह सोनारी मेन रोड बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम गली में पहले दो तल्ला का निर्माण किया और अब अवैध रूप से उसके ऊपर और तीन तल्ला का निर्माण कार्य जारी है। इसी तरह कदमा थाना से महज 50 मीटर की दूरी पर नक्शा का विचलन कर 6 तल्ला कमर्शियल बिल्डिंग बनकर तैयार है और जिसपर अब भी निमार्ण कार्य जारी है। बावजूद इसके विभाग कोई कार्रवाई करते नहीं दिख रहा। इसी तरह बिस्टुपुर कॉन्टैक्ट्स एरिया रोड नबर 2 होटल सोनेट के पास जीएसटी चोरी के आरोपी ज्ञानचंद जयसवाल उर्फ बबलू जयसवाल द्वारा विभाग से 4 तल्ले का नक्शा पास करवाकर 6 तल्ले का धड़ल्ले से निमार्ण कराया जा रहा है। जिसकी सूचना देने के बावजूद विभाग ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसा लगता है कि शहर में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। जिधर देखो उधर ही बड़ी बड़ी बिल्डिंगें नजर आती है। साकची शितला मंदिर के पास और बाराद्वारी टेलिफोन एक्सचेंज रोड में भी अवैध निर्माण चल रहा है। मगर कारवाई के नाम पर कुछ नहीं।बताते चलें कि बीते 7 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में जमशेदपुर शहर में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान अदालत को बताया गया कि मामले में प्रभावित व्यक्तियों को प्रतिवादी बनाने के संबंध में प्रार्थी ने नोटिस भेजा था। लेकिन उन्होंने नोटिस नहीं लिया है। जिसपर हाईकोर्ट ने जिन्हें नोटिस नहीं मिला है, उन्हें दोबारा से नया नोटिस जारी करने का निर्देश भी दिया है। प्रार्थी ने केस से प्रभावित 24 व्यक्तियों को प्रतिवादी बनाने के लिए नोटिस भेजा था। लेकिन तीन लोगों ने ही नोटिस लिया है। जबकि अदालत ने जमशेदपुर में नक्शा विचलन कर बने निर्माण को ध्वस्त करने के पूर्व के आदेश को बरकरार रखा है। जमशेदपुर अक्षेस विभाग (जेएनएसी) भवनों को तोड़ने की कार्रवाई नहीं करेगी। पिछली सुनवाई में अदालत ने जानना चाहा था कि जेएनएसी के कमांड क्षेत्र में विचलन कर बने भवनों को हटाने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसपर जेएनएसी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार वे अपने कमांड क्षेत्र में विचलन करने वालों को नोटिस देकर भवनों के बेसमेंट में बने पार्किंग को खाली कराया गया। जिन भवनों में जहां विचलन था, उसे तोड़ा भी गया। जिसके बाद कोर्ट ने केस से प्रभावित व्यक्तियों को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया था। इसमें प्रार्थी राकेश कुमार झा की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। उनकी ओर से अधिवक्ता अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि जेएनएसी की मिलीभगत कर क्षेत्र में अवैध भवन निर्माण किया गया है। व्यवसायिक भवनों के पार्किंग में अवैध कब्जा है। जिसे हटाने की मांग की गई है। फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर मुकर्रर की गई है।