विधायक सरयू राय ने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कंपनी के अधिकारियों के साथ की बैठक 

जमशेदपुर : बीते बुधवार की संध्या भारी बारिश के बाद विधायक सरयू राय ने शहर की प्रमुख सड़कों का भ्रमण करने के दौरान पाया कि टाटा लीज क्षेत्र की मुख्य सड़कों के चौक-चौराहों पर भारी जल-जमाव हो गया है। जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना टाटा स्टील प्रबंधन को देते हुए स्मरण कराया कि लंबे समय से वे जमशेदपुर में नाला आधारित योजना तैयार करने की मांग कर रहे हैं। ताकि मोहल्लों का पानी आसानी से छोटे-बड़े नालों के माध्यम से निकल जाए और भारी बारिश होने पर जल-जमाव न हो। इस संबंध में जेएनएससी और टाटा स्टील यूआईएसएल के अफसरों ने आश्वस्त किया था कि मानसून आने के पहले वे सभी नालों की उड़ाही करा देंगे। जहां नालों की उड़ाही हुई, वहां जल-जमाव कम हुआ है। परंतु काफी स्थानों पर अभी भी नालों की क्षमता भारी बरसात का जल खींचने लायक नहीं है। जबकि देर रात्रि उन्हें सूचना मिली कि जमशेदपुर के कई मोहल्लों के घरों में कम शाम हुई बारिश का पानी घुस गया है और जिससे लोगों को काफी नुकसान भी हुआ है। जिसके तहत गुरुवार की सुबह 7 से 11 बजे तक उन्होंने मथुराबागान, सरस्वती नगर, बजरंग नगर, टुईलाडुंगरी के विभिन्न इलाकों का भ्रमण किया। साथ ही नीति बाग कॉलोनी, गंगोत्री अपार्टमेंट आदि इलाकों की स्थिति के बारे में फोन से जायजा भी लिया। इस दौरान सबसे बदतर स्थिति मथुरा बगान की थी और जहां टाटा स्टील के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के कारण जल निकासी की स्थिति बदतर हो गई है। नाला में जाली लगाने और दीवार तोड़कर पानी निकालने का रास्ता बनाने के कारण वहां के घरों में पानी घुस गया है। जिससे काफी नुकसान भी हुआ है। लोगों ने कई सुझाव दिए हैं और जिसे लागू करने से हालत सुधर जाएंगे। भ्रमण के क्रम में उन्होंने पाया कि टाटा स्टील के सफाईकर्मी बड़ी संख्या में उन स्थलों पर पहुंच रहे हैं। मथुरा बगान में जेएनएसी द्वारा निर्मित पार्क की स्थिति बद्तर है। वे पिछले साल भर से कह रहे हैं कि जेएनएसी अपने यहां पार्क एंड गार्डेन विभाग बनाए और जो इसकी देख-रेख करें। परंतु जेएनएसी ने अब तक आश्वासन के सिवाय इस दिशा में कोई काम नहीं किया है। लक्ष्मीनगर इलाके में जहां जेएनएसी के मजदूर सफाई करते हैं, वहां कुछ दिनों से मजदूरी के लिए नहीं जा रहे हैं। इस बारे में पता करने पर ठेकेदार ने बताया कि इन सभी मजदूरों को को-ऑपरेटिव कॉलेज में लगा दिया गया है। जिसपर उन्होंने इसकी शिकायत तत्काल डीसी से करते हुए कहा कि चुनाव कार्य के लिए वे अतिरिक्त मजदूरों का प्रबंधन करने के लिए जेएनएसी को निर्देश दें। जो मजदूर मोहल्लों के कार्य में लगे हैं, उनमें कटौती न करने का निर्देश भी जेएनएसी को दें। जिसको लेकर उन्होंने आश्वस्त भी किया है। वहीं शहर में जल-जमाव के बारे में उनकी पहल पर गुरुवार की दोपहर टाटा स्टील एवं तार कंपनी के अधिकारियों संग एक बैठक भी हुई। जिसमें उन्होंने नाला आधारित जल निकास नीति लागू करने का आश्वासन भी दिया। बैठक में तार कंपनी के अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि उनकी फैक्ट्री परिसर से मिश्रा बागान होकर नाले की जगह वे एक वैकल्पिक नाला बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस बारे में अध्ययन पूरा होते ही यह योजना लागू हो जाएगी। इसके साथ ही मिश्रा बागान में खेलकूद एवं पूजा के लिए स्थल छोड़ने पर भी विचार करने का आश्वासन देते हुए कहा कि जहां से भी शिकायतें आएंगी, वे जनसुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।विधायक ने उन्हें बताया कि जमशेदपुर में डबल इंजन की नगरपालिका काम कर रही है। एक नगरपालिका टाटा स्टील की है तो दूसरी झारखंड सरकार की। दुखद यह है कि नगरपालिकाओं का डबल इंजन अलग-अलग पटरियों पर चल रहा है। जिसके कारण विकास का काम जितना होना चाहिए, नहीं हो रहा है। उन्होंने टाटा लीज क्षेत्र के बाहर के जमशेदपुर के इलाकों में पहले की तरह बागान एरिया कमेटी बनाने और उसे सक्रिय करने का सुझाव टाटा स्टील प्रबंधन के अफसरों को देते हुए कहा कि जब तक जमशेदपुर को औद्योगिक नगर घोषित करने का विवाद सुलझ नहीं जाता और इसकी घोषणा सरकार कानूनी रूप में नहीं कर देती है, तब तक जमशेदपुर के नगरपालिका दायित्वों का निर्वहन टाटा स्टील व जेएनएसी की संयुक्त टीम करें। जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त करेंगे। टाटा स्टील के अफसरों ने इस पर सहमति जताते हुए आश्वस्त किया कि जिस तरीके से टाटा स्टील बिजली-पानी की आपूर्ति हर इलाके में (चाहे वह लीज के भीतर हो या बाहर) करने को तैयार है, उसी तरह से शहर में साफ-सफाई की जिम्मेदारी लेने के लिए भी तैयार है। इस बारे में सरकार को स्पष्ट रूप से निर्देश देना चाहिए। विधायक ने उन्हें आश्वस्त किया कि लोकसभा चुनाव के बाद वे इस बारे में झारखंड सरकार के नगर विभाग सचिव से वार्ता करेंगे। ताकि पानी और बिजली की तरह जमशेदपुर के इलाकों में सफाई का जिम्मा टाटा स्टील की कंपनी टाटा स्टील यूआईएसएल (पूर्व में जुस्को) ले लें। वहीं भुईंयाडीह क्षेत्र में लिट्टी चौक से लेकर नदी किनारे तक जो बड़ा नाला प्रवाहित हो रहा है, उसकी सफाई अविलंब कराने तथा जगह-जगह नाले पर सड़क बनाने का प्रस्ताव भी उन्होंने टाटा स्टील अफसरों के समक्ष रखा। ताकि लाल भट्टा, बाबूडीह आदि इलाकों का यातायात कल्याण नगर होकर जाने के बदले में सीधे लिट्टी चौक की सड़क पर आ जाए। जिसपर टाटा स्टील के अफसरों ने बताया कि उन्होंने पथ निर्माण विभाग के साथ एक संयुक्त सर्वे किया है। ताकि लिट्टी चौक से एनएच 33 तक जाने के लिए पुल और सड़क का निर्माण अविलंब हो जाए। बैठक में तार कंपनी के प्रबंध निदेशक, आईएसडब्लूपी के प्रबंध निदेशक, चीफ कॉर्पोरेट सर्विसेज टाटा स्टील, वीपी तार कंपनी और एचआर हेड तार कंपनी भी मौजूद थे।

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