मेरे कार्यकाल में ही बनकर तैयार थे डीएम लाइब्रेरी और कन्वेंशन सेंटर – सरयू राय
बोले सरयू स्वास्थ्य मंत्री ने कन्वेंशन सेंटर की कई खिड़कियां कराई बंद
जमशेदपुर : पूर्वी विधायक सरयू राय ने रविवार को कहा कि बीते शनिवार को शहर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिन तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, वे सभी पूर्ववर्ती एनडीए सरकार के समय में आरंभ हुई थी। जिसमें से डीएम लाईब्रेरी और कन्वेंशन सेंटर की स्वीकृति तत्कालीन विधायक के रूप में मेरी अनुशंसा पर हुई थी। ये दोनों ही पिछले चार वर्षों से बनकर तैयार थे। परंतु इनका उद्घाटन नहीं होने दिया जा रहा था। जिसके कारण इन भवनों की स्थिति काफी जर्जर हो गई है। और तो और कन्वेंशन सेंटर की कई खिड़कियांभी बंद करा दी गईं। क्योंकि ये स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के घर की तरफ खुलती थीं। उन्होंने जारी एक बयान में कहा कि एमजीएम कॉलेज का भवन तो बनकर तैयार हो गया है। परन्तु बिल्डिंग के अंदर कोई भी आधारभूत संरचना पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है। यहां तक कि पानी का इंतजाम भी नहीं है। जिसके अभाव में कोई अस्पताल या ओपीडी कैसे चलेगा? इस नये भवन की पर्यावरण स्वीकृति इस शर्त पर मिली है कि इसके लिए भूगर्भ जल का उपयोग नहीं होगा। परन्तु इस शर्त का उल्लंघन करते हुए दो डीप बोरिंग करा दी गई है। इन दो डीप बोरिंग से आने वाला पानी भी पर्याप्त नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस नये भवन के स्थल पर आईसीयू भवन बनाने का शिलान्यास हुआ है और जो पूरी तरह हास्यास्पद है। वह जमीन कहां है, जिसपर आईसीयू बनेगा? जमीन की व्यवस्था हुई नहीं और आईसीयू भवन का शिलान्यास कर दिया गया। यह तो घोर आपत्तिजनक है। कुल मिलाकर यही लगता है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपनी नाकामियां छुपाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने नये भवन में ओपीडी की शुरूआत करायी है और आईसीयू भवन का शिलान्यास भी किया है। यह सब जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया गया है। आगे उन्होंने अपने बयान में कहा है कि भवन उद्घाटन के समय पारा मेडिकल छात्रों द्वारा किया गया विरोध सरकार की आंखें खोलने के लिए पर्याप्त है। उनकी पढ़ाई के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं है। कॉलेज का छात्रावास जर्जर है। इनकी छतें गिर रही हैं। छात्रावास के कमरों में पानी घुस जाता है। छात्रों के खेलने के लिए प्लेग्राउंड नहीं है। गर्ल्स हॉस्टल की बाउंड्री भी सही नहीं है। छात्राएं स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। इन व्यवस्थाओं को दुरस्त किये बिना केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए नये भवन में ओपीडी की शुरूआत करना और आईसीयू भवन का शिलान्यास करना बेहद आपत्तिजनक है।