झामुमो विधायक डॉ. सरफराज अहमद के इस्तीफे से गरमाई झारखंड की सियासत

गिरिडीह : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के गांडेय विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए झारखंड विधानसभा ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। उनके इस्तीफे के बाद झारखंड विधानसभा में 31 दिसंबर से पद रिक्त हो गया है।

विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने वर्ष 2019 में कांग्रेस पार्टी छोड़ झामुमो में शामिल हुए थे। डॉ. अहमद को साल 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में गांडेय से टिकट नहीं दिया गया था। वे इस बात से नाराज हो गए थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार गाण्डेय के विधायक बने ।
इससे पहले 1984 में गिरिडीह लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे । स्व राजीव गांधी के समय 1985 में एआइसीसी के संयुक्त सचिव भी रहे। झारखंड की राजनीति को अपने जीवन के लगभग पांच दशक देने वाले कद्दावर नेता डॉ. सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफे के बाद राज्य की सियासी गर्मी बढ़ गयी है।

हालांकि झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने गांडेय विधायक डॉ. सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक है और कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन इंतजार करें। हालांकि झामुमो के पार्टी स्तर पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा सीट से विधानसभा में भेजने की रणनीति बन सकती है, ताकि ईडी की पूछताछ के बाद अगर कोई गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है तो कल्पना सोरेन को सत्ता की बागडोर सौंपने में ज्यादा दिक्कत ना हो। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सरफराज अहमद को 2024 में होने वाले राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर दिल्ली की राजनीति में शिफ्ट किया जा सकता है। वहीं डॉ. अहमद ने कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए यह कदम उठाया है। उनके करीबी सूत्र भी इस्तीफे को पार्टी अलाकमान के निर्देश का संकेत दे रहे हैं।

राजनीतिक जानकारों के अनुसार 60 हजार से अधिक मुस्लिम, 40 हजार से अधिक आदिवासी और इतने ही यादव वोटर है, जो हार जीत में निर्णायक रोल निभाते रहे हैं। जेएमएम इसी साल झारखंड में होने वाले राज्य सभा चुनाव में डा अहमद को समायोजित कर सकता है। हालांकि अनुमान यह भी है कि डॉ. सरफराज अहमद 2024 के आम चुनाव में अपने पुराने घर वापास लौटकर इंडिया गठबंधन के बैनर तले कोडरमा से लोकसभा का चुनाव भी लड सकते हैं। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता । बीते सप्ताह उन्होंने दिल्ली का दौरा भी किया था।

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