आपराधिक गिरोहों को मंत्री बन्ना गुप्ता का संरक्षण – सरयू राय

 

– जमशेदपुर पुलिस पर राजनीतिक दबाव के कारण अपराध नियंत्रण नहीं हो पा रहा

 

– शक्तिनाथ सिंह हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त ईश्वर सिंह बन्ना गुप्ता का खासमखास

 

– ईश्वर सिंह को जेल भेजने के बजाय एमजीएम अस्पताल के कैदी वार्ड में किया भर्ती

 

जमशेदपुर : विधायक सरयू राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि शहर में आपराधिक घटनाएं पुलिस-प्रशासन के नियंत्रण से बाहर हो गई हैं। आए दिन गोली-बारी, छिनतई, घरों का ताला तोड़कर चोरी की घटनाएं घट रही है। अपराधी बेलगाम हो गए हैं। ऐसा नहीं की जमशेदपुर पुलिस में योग्य और कर्मठ अधिकारियों की कमी है। मगर राजनीतिक दबाव का माहौल बनने से वे अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि शहर में अपराध नियंत्रित नहीं हो पा रहा हैं। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर के चुनिंदा अपराधी गिरोहों को सत्ताधारी समूह का संरक्षण मिल रहा है। झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बन्ना गुप्ता की भूमिका इसमें अग्रणी है। जिसके कारण आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के मामले मे पुलिस-प्रशासन के सामने अक्सर असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है।बीते दिनों मानगो में हुए शक्तिनाथ सिंह हत्याकांड के अपराधियों को स्वास्थ्य मंत्री का सीधा संरक्षण प्राप्त है। साथ ही मंत्री के साथ इन अपराधियों की बड़ी-बड़ी होर्डिंग मानगो के चौक चौराहों पर लगी हुई है। मानगो फ्लाइओवर के पहले पिलर के शिलान्यास के दिन भी उसी व्यक्ति के होर्डिंग चारों ओर लगे हुए थे। जिसे पुलिस ने शक्तिनाथ सिंह हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त मानकर गिरफ्तार किया है। वह व्यक्ति ईश्वर सिंह है और जो मानगो मंडल कांग्रेस का अध्यक्ष है। और तो और वह बन्ना गुप्ता का खासमखास भी है। पक्का सबूत होने के साथ-साथ प्रत्यक्षदर्शी का बयान होने के बावजूद ईश्वर सिंह को पुलिस ने चार दिनों तक गिरफ्तार नहीं किया। जबकि एक अन्य आरोपी चंदन सिंह का नाम अभियुक्त सूची से बाहर कर दिया। वहीं चार दिन बाद ईश्वर सिंह गिरफ्तार हुआ तो उसे जेल भेजने के बजाय एमजीएम अस्पताल का कैदी वार्ड भेज दिया गया। आखिर गिरफ्तार होते ही ईश्वर सिंह को कौन सी ऐसी बीमारी हो गई, जिसका इलाज जेल अस्पताल के डॉक्टर द्वारा नहीं हो सकता है। इसलिए उसे एमजीएम अस्पताल भेजना पडा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सीधे जिम्मेदार हैं। वे अपराध का संरक्षण कर रहे हैं। मैं इस मामले की जांच मेडिकल बोर्ड से कराने की मांग करता हूं।ऐसी घटनाओं से स्वास्थ्य मंत्री का दबदबा तो आपराधिक गिरोहों पर बढ़ जाता है। पर पुलिस-प्रशासन की किरकिरी हो जाती है। साथ ही उनका मनोबल भी टूटता है। वहीं मानगो का अपराधी सरगना अमरनाथ सिंह को आगे बढ़ाने और संरक्षण देने का काम भी स्वास्थ्य मंत्री ने ही किया था। आज जिस तरह के पोस्टर और होर्डिंग मानगो के चौक-चौराहों पर स्वास्थ्य मंत्री के साथ अभियुक्त ईश्वर सिंह और चंदन सिंह के लगे हुए हैं। वैसे ही पोस्टर और होर्डिंग पहले स्वास्थ्य मंत्री के साथ अपराधकर्मी अमरनाथ सिंह के लगते थे। अब अपराध जगत में दबदबा के कारण अमरनाथ सिंह द्वारा अर्जित अवैध जमीन पर कब्जा की लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ईश्वर सिंह की पीठ ठोक रहे हैं। शक्तिनाथ सिंह की हत्या का एक बड़ा कारण यह भी है। स्वास्थ्य मंत्री के अपराधी प्रेम के ऐसे कारनामों ने मानगो की युवा पीढ़ी को बर्बादी की राह पर ढकेला है। कई घर बर्बाद हो गए हैं। इसी तरह कदमा-सोनारी के छुटभैये आपराधिक गिरोहों और अपराधियों को भी इनसे शह मिल रही है। जमशेदपुर पुलिस प्रशासन यदि वास्तव में शहर को अपराध मुक्त करना चाहता है तो उन्हें मंत्री बन्ना गुप्ता पर कारवाई करनी पड़ेगी। मानगो के शक्तिनाथ हत्याकांड में तो मंत्री पर सीधी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही इसकी जांच होनी चाहिए कि शक्तिनाथ सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी को जेल ले जाने की बजाय एमजीएम अस्पताल के कैदी वार्ड में किसके दबाव में ले जाया गया। इसमें मंत्री की भूमिका और पद के दुरूपयोग की जांच किया जाना भी आवश्यक है। वहीं एक मेडिकल बोर्ड गठित कर मरीज कैदी के स्वास्थ्य की जांच भी होनी चाहिए। अपनी खुफिया शाखा से जमशेदपुर पुलिस को इस संबंध में लगातार सूचनाएं मिलते रहती हैं। जमशेदपुर पुलिस इन सूचनाओं से राज्य के मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री को अवगत कराए और स्वास्थ्य मंत्री पर कारवाई के लिए राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त करें। ताकि अपराधियों और इनके संरक्षक का मनोबल टूटे। अन्यथा जमशेदपुर में अपराध पर नियंत्रण पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी।

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