टीएसयूआईएसएल ने बनाया पार्क, अपने नाम का साईन बोर्ड लगवाया बन्ना गुप्ता ने
– टाटा स्टील के फंड से बना है पार्क, सरकारी धन का नहीं हुआ इस्तेमाल – टीएसयूआईएसएल
जमशेदपुर : पूर्वी विधायक सरयू राय ने कहा कि डिमना रोड के बीच के स्थान पर टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा निर्मित पार्क को बनाने का श्रेय झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता ले रहे हैं और जो सरासर गलत है। बन्ना गुप्ता ने अनेक साइन बोर्ड लगवा दिये हैं और जिनपर लिखा है कि यह उनकी विधायक निधि से बना है। जबकि टीएसयूआईएसएल का कहना है कि पूरा निर्माण टाटा स्टील लि. द्वारा प्रदत्त निधि से हुआ है और इसमें विधायक निधि अथवा किसी अन्य सरकारी निधि का एक पैसा भी नहीं लगा है। जिसके तहत सरयू राय ने बन्ना गुप्ता पर जालसाजी और जनता को गुमराह करने का गंभीर आरोप भी लगाया है। वहीं जिले के डीसी को रविवार लिखे एक पत्र में कहा कि लोक शिकायत के आधार पर उन्होंने आज डिमना रोड, मानगो का भ्रमण किया तो पाया कि डिमना रोड के बीच के स्थान पर टीएसयूआईएसएल ने पार्क बनाया है। यहां नागरिकों के टहलने के लिए पाथ-वे और जिम भी है। इस स्थान पर झारखंड सरकार के मंत्री एवं जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक बन्ना गुप्ता ने बड़े-बड़े अक्षरों में लिखे हुए कई साइन बोर्ड लगवा दिया हैं। जिसमें लिखा हुआ है कि यह निर्माण उनकी विधायक निधि से हुआ है। जबकि सरयू राय के अनुसार टीएसयूआईएसएल द्वारा कई भागों में बने इस पार्क के विभिन्न हिस्सों का नामकरण उन्होंने कई महापुरुषों के नाम पर करने वाला साईन बोर्ड भी अलग-अलग स्थानों पर लगा दिये गये हैं। जिन पर अंकित है कि यह निर्माण बन्ना गुप्ता की विधायक निधि से हुआ है। मंत्री जी ने इस पार्क के अलग-अलग हिस्सों पर खुद से साइन बोर्ड लगाकर उनपर जिन महापुरुषों का नाम अंकित किया है, उनमें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, श्री अग्रसेन जी महाराज, बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर, अमर शहीद भगत सिंह, जननायक कर्पूरी ठाकुर और बाबा तिलका मांझी भी शामिल हैं। ऐसा कर मंत्री ने इन महापुरुषों का अपमान भी किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस संबंध में जब टीएसयुआईएल के सक्षम पदाधिकारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि पार्क का निर्माण कार्य टाटा स्टील लि॰ द्वारा प्रदत्त निधि से हुआ है। इसमें विधायक निधि अथवा किसी अन्य सरकारी निधि का एक पैसा भी नहीं लगा है। सरयू राय के अनुसार मंत्री जी द्वारा टाटा स्टील के खर्च पर बने निर्माण को विधायक निधि से हुआ निर्माण बताना खुली जालसाजी है और जनता को गुमराह करने वाला कृत्य है। आप भी सहमत होंगे कि ऐसी गलतबयानी कर मंत्री जी ने अपने ऊपर कानूनी कार्रवाई को ही आमंत्रित किया है। साथ ही उन्होंने पत्र में डीसी से जानना चाहा कि मंत्री जी के अनुसार ये पार्क विधायक निधि से निर्मित है तो इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन के पास अनुशंसा कब भेजी? अनुशंसा की स्वीकृति के उपरांत इसका निर्माण किस एजेंसी से कराया गया? इस निर्माण कार्य का प्राक्कलन कितने का था? यह प्राक्कलन कब स्वीकृत हुआ? इस पर कार्यादेश कब जारी हुआ? इसके निर्माण पर मंत्री जी के विधायक निधि से कितनी धनराशि व्यय हुई? उन्होंने कहा कि यदि इस निर्माण पर विधायक निधि से व्यय नहीं हुआ तो मंत्री जी द्वारा वाहवाही लुटने के लिए लगाए गए साइन बोर्ड अविलंब हटा दिये जाने चाहिए। उनके अनुसार साइन बोर्ड हटाने का काम विधानसभा चुनाव संबंधी आदर्श आचार संहिता लागू होने के पूर्व हो और मंत्री जी से इस बारे में स्पष्टीकरण पूछकर उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई आरंभ की जानी चाहिए। अपने पत्र में सरयू राय ने लिखा है कि जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न चौक-चौराहों, टोलों-मोहल्लों, सड़को का नाम अंकित करते हुए हरे रंग के सैकड़ों साइन बोर्ड लगाए गए हैं। जिसपर बन्ना गुप्ता का नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है। यह भी लिखा हुआ है कि ये साइन बोर्ड जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के सौजन्य से लगाए गए हैं। मैंने इस संबंध में 9 मार्च 2022 को झारखंड विधानसभा में एक प्रश्न पूछा था। प्रश्नोत्तर की कंडिका-2 में सरकार ने उत्तर दिया है कि ऐसे साइन बोर्ड जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में नहीं लगाए गए हैं। जबकि ऐसे साइन बोर्डों पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के सौजन्य से लगाया जाना अंकित है। सरयू राय ने लिखा है कि प्रश्नोत्तर की कंडिका-4 के अनुसार सरकार ने अधिसूचित क्षेत्र समिति को इस प्रकार के साइन बोर्डों पर से मुख्यमंत्री/मंत्री/विधायक का नाम हटाने का स्पष्ट निर्देश दिया है। इस निर्देश के अनुपालन में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में लगे ऐसे साइन बोर्डों पर से तत्कालीन मुख्यमंत्री का नाम हटा दिया गया। जबकि ये साइन बोर्ड जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा विधिवत उनकी विधायक निधि से लगाए गये थे। परंतु जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में लगे ये साइन बोर्ड आजतक नहीं हटाए गये। और तो और इन्हें जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने नहीं लगाया है और मंत्री जी के नाम के नीचे इसे जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के सौजन्य से लगाया गया अंकित है। यह तो सरासर गलत है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि इस परिप्रेक्ष्य में जांचोपरांत उस व्यक्ति के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, जिसने ऐसे अनधिकृत साइन बोर्ड जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में लगाया अथवा लगवाया है। इसी तरह यह भी पता किया जाना चाहिए कि ये साइन बोर्ड जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने नहीं लगाया है तो आखिर इन्हें लगाने पर हुआ व्यय किसने वहन किया है? उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे साइन बोर्ड लगाने पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा विधायक निधि से करीब 26 लाख का व्यय किया गया है। स्पष्ट है कि इतना ही अथवा इससे थोड़ा कम-ज्यादा व्यय जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में लगाए गए इन अनधिकृत साइन बोर्डों को लगाने पर खर्च हुआ होगा। सवाल है कि यह व्यय किसने वहन किया? क्या यह व्यय मंत्री जी ने वहन किया या उनके किसी शुभचिंतक ने? यह व्यय संबंधित व्यक्ति के आयकर स्टेटमेंट में अंकित है या नहीं? यदि नहीं है तो यह मनी लाउंड्रिंग (धन-शोधन) का अथवा काला धन के उपयोग का मामला बनेगा, जो अपराध है। अंत में विधायक सरयू राय ने डीसी से मांग की है कि मानगो डिमना रोड के बीच के हिस्से में टीएसयूआईएसएल द्वारा निर्मित पार्क से मंत्री के विधायक निधि से निर्मित होने का गलत साइन बोर्ड हटवाएं और जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में टोलों-मोहल्लों-पथों को इंगित करते हुए लगाए गये हरे रंग के गलत साइन बोर्डों को भी हटवाएं। जिनपर मंत्री का नाम अंकित है और जिन्हें जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के सौजन्य से लगाया गया अंकित है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि इन साइन बोर्डों को बनाने और लगाने पर हुए व्यय के स्रोत का भी पता कराएं और ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करें और जो इन साइन बोर्डों को लगाने के लिए जिम्मेदार हैं।