विधायक सरयू राय ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया जमशेदपुर औद्योगिक शहर का मुद्दा, दिए सुझाव 

जमशेदपुर : पूर्वी के विधायक सरयू राय ने मंगलवार विधानसभा में शून्यकाल के दौरान पूर्व अध्यक्ष की अनुमति से सूचना प्रस्ताव रखते हुए सदन को सूचित किया कि जब भी विधानसभा आहूत होती है या विधानसभा सत्र में रहती हैं, तब सरकार यदि कोई नीतिगत निर्णय लेती है तो अविलंब उसे सदन को सूचित करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र गत 15 दिसम्बर को आरंभ होने के बाद सरकार ने जमशेदपुर शहर को औद्योगिक नगर घोषित करने का नीतिगत निर्णय लिया है। मगर इस बारे में विधानसभा को सूचित नहीं किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 243 (क्यू) में प्रावधान है कि किसी नगरीय क्षेत्र में या उसके किस भाग में किसी औद्योगिक स्थापन द्वारा नगरपालिका सेवाएं दी जा रही हैं या दिए जाने के लिए प्रस्तावित है तो ऐसे नगरीय क्षेत्रों में या फिर उसके भाग में राज्य के राज्यपाल क्षेत्र के आकार, जनसंख्या और उस क्षेत्र के संबंधित औद्योगिक स्थापन द्वारा दी जा रही है या दिए जाने के लिए प्रस्तावित नगरपालिका सेवाएं समेत अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए लोक अधिसूचना द्वारा उस क्षेत्र को औद्योगिक नगर घोषित कर सकते हैं। जहां नगरपालिका का गठन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान के इस प्रावधान के अनुसार सरकार के मंत्रिपरिषद ने संकल्प पारित कर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के समस्त भू-भाग को औद्योगिक क्षेत्र समिति घोषित किया है। जिसमें शामिल होने वाले वार्डों का उल्लेख भी है। लेकिन यह उल्लेख नहीं किया है कि इन वार्डों से चुने हुए प्रतिनिधियों का इस औद्योगिक नगर समिति में क्या भूमिका रहेगी? उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि जमशेदपुर औद्योगिक क्षेत्र समिति में विभिन्न वार्डों के विधि द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों को भी सरकार स्थान देते हुए मंत्रिपरिषद की अधिसूचना को विधानसभा के समक्ष रखें। ताकि उस पर विचार किया जा सके और उसे जनहित के अनुरूप संशोधित किया जा सके। वहीं उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड सरकार के मंत्रिपरिषद द्वारा जमशेदपुर को औद्योगिक नगर घोषित किए जाने के संकल्प और अधिसूचना प्रारूप को पढ़कर वे निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि दुर्गापूजा के कार्यों को संचालित करने के लिए गठित विभिन्न दुर्गापूजा समितियों के जो नियम प्रारूप होते हैं, वे सरकार के मंत्रिपरिषद द्वारा संकल्पित इस अधिसूचना प्रारूप से बेहतर होते हैं। इसलिए सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार कर इसमें लोक-भागीदारी सुनिश्चित करे और जमशेदपुर के नागरिकों को तीसरे मताधिकार का लोकतांत्रिक अधिकार देना सुनिश्चित करें। ताकि प्रस्तावित जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति को बेहतर तरीके से जनहित में संचालित किया जा सके। साथ ही सरकार के साथ-साथ टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति पर होने वाले व्यय की हिस्सेदारी, उनका लेखा-जोखा व अंकेक्षण सुनिश्चित करने का प्रावधान भी जमशेदपुर औद्योगिक नगर समिति में किया जाना चाहिए।

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