1000 करोड रुपए का योजना का क्रियान्वयन का हुआ ऐतिहासिक कार्य
विस्थापितों की लड़ाई मेरे परिवार के अलावा किसने लड़ा
बड़कागांव : 5 वर्ष में 1000 करोड रुपए से अधिक योजनाओं का विधानसभा क्षेत्र में क्रियान्वयन किया गया. क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया. सुदूरवर्ती गांव को सड़क एवं बिजली से जोड़ा गया.20 लाख से 25 लाख रुपैया एनटीपीसी से मुआवजा राशि बढ़ाई गई. बड़कागांव की बेटी हूं इसलिए ईमानदारी पूर्वक जो भी 5 वर्ष तक काम किया वह बड़कागांव विधानसभा के लिए ही किया। उक्त बातें बड़कागांव के विधायक अंबा प्रसाद पंकरीबरवाडीह अपने आवास समाधान भवन में 5 वर्ष कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहीं. अंबा प्रसाद ने आगे कहा कि आजादी के बाद पन्नदवांटांड़ एवं सिमराजरा को सड़क एवं बिजली से जोड़ा गया. बुढ़वा महादेव मंदिर तक बिजली एवं पानी की व्यवस्थाकी गई. विधानसभा के सभी ओर से सड़क का निर्माण किया गया। बरवाडीह में बिजली ग्रिड सबस्टेशन, हरली गांव में डिग्री कॉलेज निर्माण, पतरातू प्रखंड के हेसला में पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण का रास्ता साफ होना सबसे बड़ी उपलब्धि है. स्कूलों का अपग्रेड, जीणोद्धार, चाहरदिवारी निर्माण बड़े पैमाने पर की जा रही है. जो काम का शिलान्यास किया हूं वह सभी कार्य क्षेत्र में चालू है. निजी खर्चे पर बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोविड के समय 50 बेड का कोविड सेंटर, ट्रामा सेंटर यदि का निर्माण किया गया. पतरातू रेलवे क्रॉसिंग में ओवर ब्रिज एवं बड़कागांव चौक में ओवरब्रिज निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. पतरातू एवं बड़का गांव को अनुमंडल बनने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है बड़कागांव में जब गोली चली थी तो उसे समय भाजपा की सरकार थी.उन्होंने उन लोगों पर सवाल की है कि जो लोग कहते हैं कि मुआवजा एवं विस्थापन पर मेरा परिवार कुछ नहीं किया तो मैं पूछना चाहती हूं मेरे परिवार के अलावा विस्थापितों का हक अधिकार के लिए कौन किया है जो धरना प्रदर्शन या फिर आवाज उठाने का काम किया है सिर्फ मेरे परिवार ने ही किया है. कई जनप्रतिनिधि हैं जो इस पर चुपी साधते रहे. स्थानीय स्तर के पंचायत जनप्रतिनिधि ग्राम सभा को सफल बनाते रहे. कंपनी केंद्र सरकार के अधीन है लेकिन एनडीए सासंद लोकसभा में नहीं उठाया. भाजपा के उम्मीदवार अपने सांसद भाई के साथ एनटीपीसी के साथ दिल्ली में बैठक की उस बैठक में क्या हुआ? जनता हित की बात हुई कि अपनी हित की. मेरे स्तर पर जहां तक मामला ले जाने की बात थी मैं आवाज को बुलंद करती रही। मेरे परिवार के कारण मुआवजा की राशि 5-6 लाख से बढ़कर 20 लाख हुई थी। मेरे द्वारा 5 लाख और बढ़ाई गई. रोहने कोल ब्लॉक के रैयतों का जमीन वापसी कराया गया. उन्होंने क्षेत्र की जनता से अपील करते हुए कहा कि अभी चुनाव के समय कई उम्मीदवार इस क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए चारागाह समझकर रंग बदलकर आ रहे हैं.5 वर्षों तक कहीं कोई विस्थापितों के लिए कोई मुद्दा उठाने का काम नहीं किया. जबकि उस परिवार के लोग झारखंड विधानसभा से लेकर संसद के सदस्य भी हैं. कोविड के समय क्षेत्र में कही एक किलो अनाज भी नहीं वितरण किया गया. उस परिवार का एक ही उद्देश्य है विधायक सांसद एवं मंत्री बनना. चुनाव के समय क्षेत्र की जनता को गुमराह कर दिग्भ्रमित करने का काम किया जाता रहा.इससे सावधान रहने की आवश्यकता है. उन्होंने अंत में कहा कि 5 वर्षों तक मैं क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किया हूं. दो माह पूर्व आचार संहिता लग जाने के कारण कई कार्य अधूरे पड़े हैं जो अगले बार पुरा करने का काम किया जाएगा. इस अवसर पर इंटक नेता अंकित राज उर्फ सुमित, पूर्व कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष विशेश्वर नाथ चौबे, विधायक प्रशासनिक प्रतिनिधि जगतनंदन प्रसाद गुप्ता, सुरेश महतो, मोहम्मद शमशेर अंसारी, रोहित सिंह चंदन सिंह, अजीत कुमार, सुरेश चौधरी, बबलू कुमार, सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल थे.