कतरास: ठाणे जिले की भिवंडी तालुका के पडघा-बोरीवली गांव में जाकर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने कार्रवाई की । इस कार्रवाई में ऐसा अनुमान है कि पकडे गए साकीब नाचन और उसके सहयोगियों को पाकिस्तान, इराक और सीरिया आदि देशों से उन्हें आर्थिक आपूर्ति और संकेत दिए जाते थे । पडघा-बोरीवली नामक मुसलमानबहुल गांव में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के 15 पुलिस अधिकारी और 400 स्थानीय पुलिस जब गए तब वे वहां छापा डालकर कार्रवाई कर पाए । इस संदर्भ में ठोस प्रमाण मिलने पर ही अगली कार्रवाई की गई । इसलिए भविष्य में संभाव्य आक्रमण अथवा अनिष्ट घटनाएं टालने में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण को सफलता मिली, ऐसा मानना होगा । वर्ष 2002 के मुंबई बमविस्फोट का दंड भुगत रहे आतंकवादी साकीब नाचन को दंड पूर्ण होने से पूर्व ही छोड दिया गया । निवृत्त पुलिस महासंचालक प्रवीण दीक्षित ने मांग की कि आजीवन कारावास का दंड भोग रहे आतंकवादियों को कारावास से छोडने की अनुमति न्यायाधीश एवं सुरक्षा तंत्र को न दी जाए, ऐसा कठोर कानून भारत सरकार बनाए । वे हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘मुंबई समीप गाजापट्टी ?’ इस विषय पर आयोजित विशेष संवाद में बोल रहे थे । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के दिल्ली के प्रवक्ता नरेंद्र सुर्वे ने उनसे संवाद साधा ।
इस अवसर पर श्री. दीक्षित आगे बोले, ‘‘अमेरिका जैसे देश में आजीवन कारावास अथवा 50 से 100 वर्ष कारावास का दंड सुनाए गए दोषियों का भी दंड कम नहीं किया जाता । जमानत (प्रतिभूति), पेरोल अथवा अन्य कारण से आतंकवादियों का दंड कम न करें; कारण वे कारागृह से बाहर आने पर गलत कृत्य ही करेंगे ! आतंकवादियों को उच्च सुरक्षा युक्त कारागृह में रखकर उन्हें पूर्ण दंड भोेेेेगना ही चाहिए । अनेक मुसलमान युवक, फिर भले ही वे सुशक्षित हों; उनका ‘ब्रेनवॉश’ किया जाने से वे आतंकवादी कार्रवाईयों में लिप्त पाए जाते हैं । भिवंडी सहित भारत में कहीं भी आतंकवादी अथवा गलत कृति दिखाई दे, तो नागरिकों को पुलिस-प्रशासन को अगली कार्रवाई के लिए जानकारी दें, ऐसा आवाहन भी श्री. दीक्षित ने किया ।
विश्व हिन्दू परिषद’के कल्याण विभाग के मंत्री मनोज रायचा बोले, वर्ष 2012 में साकीब नाचन गुट ने मुझ पर प्राणघातक आक्रमण किया । उस काल में साकीब नाचन गुट ने हिन्दुत्व का काम करनेवाले 3 प्रमुख लोगों की हत्या की । भिवंडी तालुका में पडघा-बोरीवली गांव में भारत की स्वतंत्रता को 75 वर्ष पूर्ण होने के निमित्त से स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में पाटी लगाने के लिए भी यहां के कट्टर मुसलमानों ने विरोध किया । इस गांव को उन्होंने ‘अल् शाम’ ऐसा इस्लामी नाम दिया है । यहां ‘हमास’, ‘इसिस’के झंडे फहराए जाते हैं । भिवंडी तालुका के पडघा-बोरीवली एवं समीप के गांव में ‘इस्लमिक स्टेट’ बनाने के लिए शस्त्रों का प्रशिक्षण दिया जाता है । पहले भिवंडी तालुका के पडघा-बोरीवली और निकट के गांवों में पुलिस भी आने के लिए डरती थी । अब स्थिति कुछ बदली है ।