Md Mumtaz
खलारी: खलारी कोयलांचल में जामा मस्जिद खलारी, हुटाप, मायापुर, जेहलीटाडं, भूतनगर डकरा सहित अन्य कई जगहों में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पाक महीने रमजान की पहली जुम्मा की नमाज अता की गई एवं दुनिया में भाईचारगी की दुआ की ।इस अवसर पर जामा मस्जिद खलारी के इमाम नेहाल अहमद ने रमजान के रोजे की अहमियत और रोजे के पाक महीने की जानकारी देते हुए रोजे में मुस्लमानो द्वारा की जाने वाली जकात और फितरा (दान) की जानकारी भी उनके द्वारा दी गई उन्होंने बताया कि जकात और फितरा हर मुस्लिम पर फर्ज है इसे सभी मुस्लिम को अता करना चाहिए और यह मुस्लमानो में इसलिए इसे फर्ज किया गया है कि इस माह में की जाने वाली जकात और फितरा वैसे गरीब मिस्किनो को दी जानी चाहिए जिनका खाना एक टाइम का मौसम ना हो साथ ही उन्हें और लोगों की तरह जिंदगी जीने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे परिजनों को चित्र और जकात देना चाहिए जिससे उनके हर जरूरत के समान पुरी की जा सके और वह भी आम मुसलमान की तरह जिंदगी जी सके और उनके परिजनों का भी भरण पोषण हो सके। साथ ही उन्होंने कहा कि रोजा सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं बल्कि अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण बनाए रखने का जरिया है रोजा रखने से भूख और प्यास की तकलीफ का पता चलता है। इससे भोजन और पानी की कद्र मालूम होती है और इंसान अल्लाह का शुक्र अदा करता है। रोजा से भूखों और प्यासों पर मेहरबानी का जज्बा पैदा होता है क्योंकि मालदार अपनी भूख याद करके गरीब मोहताज की भूख का पता लगाता है। जिसके बाद कुरान की तिलावत कर रमजान के पहले रोज की नमाज आता कि इसके बाद लोगों ने अल्लाह से हाथ उठाकर दुनिया में चैन वअमन वह आपसी भाईचारे की दुआ मांगी।