तीन तीन लड़ाई लड़ने वाले नायक देवराज तिवारी का हृदय गति रुकने से टीएमएच में हुआ निधन

जमशेदपुर : गोलमुरी आकाशदीप प्लाजा निवासी नायक देवराज तिवारी 10 जुलाई 1961 को भारतीय थल के इंजीनियरिंग कोर में भर्ती हुए थे। वहीं प्रशिक्षण के बाद उन्हें 1962, 1965 एवं 1971 युद्ध में देश की रक्षा में लड़ने का सौभाग्य प्राप्त था। सफलतापूर्वक सेना में 20 साल सेवा देने के बाद 1 अगस्त 1981 को भारतीय सेना से सेवानिवृत होकर केबुल कंपनी में सेवा दिए। जिनका गुरुवार सुबह 4:30 बजे टीएमएच में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। साथ ही परिजनों के इंतजार में उनका पार्थिव शरीर अस्पताल के शीतगृह में रखा गया है। वहीं शुक्रवार सुबह 8 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके आवास पर लाया जाएगा। जहां पैतृक रीति रिवाज के बाद सैनिक सम्मान पूर्वक सीतारामडेरा भुइयांडीह स्थित स्वर्णरेखा घाट के लिए अंतिम सम्मान यात्रा निकलेगी। बताते चलें कि स्व. देवराज तिवारी की पत्नी का निधन एक माह पहले ही हुआ था। वे डायरी में नियमित अपनी कविता लिखते थे और दो दिन पूर्व भी अपनी कविता के माध्यम से अपने हृदय का उद्धार व्यक्त किये थे। इस महान योद्धा के सम्मान यात्रा में पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधियों के अलावा लौह नगरी के तमाम देशभक्त शामिल होंगे। मौके पर देवशंकर तिवारी, सुशील कुमार सिंह, राजीव रंजन, दिनेश सिंह, जावेद हुसैन, हरेंदु शर्मा, अजय केशरी, प्रमोद कुमार, राजू रंजन, हंसराज सिंह, सुरेंद्र मौर्या, सतनाम सिंह समेत अन्य मौजूद थे।

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