हे नव वर्ष
संजय सागर
हे नव वर्ष आओ
स्वागत है तुम्हे!
खुशी, उमंग लेकर आओ
नव विहान में
नूतन-निर्माण लिये,
नव युग में नई जीवन
अभिमान लिये,
दीनों दुखियों का त्राण लिये
मानवता का कल्याण लिये,
हे नव वर्ष आओ
स्वागत है तुम्हे!
नवयुग के नवल वर्ष!
तुम आओ स्वर्ण-विहान लिये .
जीवन के संसार में
नई उम्मीदें, नए जज्बा
नई रुचि, नए संकल्प
उपलब्धि का बिहान लेकर आओ !
हे नव वर्ष इस दुनिया में
नई किरण लेकर आओ
दुखों के अंधेरा को दूर भगाओ,
आओ हे नूतन वर्ष
मेरे भारत के लिये नई
प्रेरणा नया उत्थान लिये
हे नूतन वर्ष,
तुमसे विनती है
बेरोजगारों को रोजगार मिले,
अनुबंध कर्मियों को अस्थाई मिले
पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्ति मिले,
कोल कंपनियां से
जंगलो को मुक्ति मिले
भ्रष्टाचार को दूर भगाओ
बालू माफियाओं से
नदियों को बचाओ
ताल तलैया को अतिक्रमण से बचाओ,
कोल माफियाओं से,
जल जंगल जमीन को बचाओ
हे नव वर्ष आओ
स्वागत है तुम्हें
मुर्दा शरीर में नये प्राण
प्राणों में नव अरमान लिये,
स्वागत!स्वागत! मेरे आगत!
तुम आओ स्वर्ण विहान लिये!
युग-युग तक पिसते आये
कृषकों को जीवन-दान लिये,
कंकाल-मात्र रह गये शेष
मजदूरों का नव त्राण लिये;
श्रमिकों का नव संगठन लिये,
पददलितों का उत्थान लिये
नारियों में शक्ति लिए
बच्चों में ऊर्जावान लिए
स्वागत!स्वागत! मेरे आगत!
तुम आओ स्वर्ण विहान लिये!
सत्ताधारी साम्राज्यवाद के
मद का चिर-अवसान लिये,
हे नववर्ष आओ
राजनीति में धर्म और जाति को दूर भगाओ,
धर्म के नाम पर लड़ाने वालों को नाश करो
भारत में समता लिए
दुर्बल को अभयदान,
भूखे को रोटी का सामान लिये
आओ है नव वर्ष तुम्हें स्वागत है
स्वागत है स्वागत है…
संजय सागर
बड़कागांव ,
8709463497