एनटीपीसी चट्टी बारियातू का नहीं ढोया 72000 टन कोयला, हाइवा मालिक आंदोलन पर अडिग 

टंडवा: 50 रु टन भाड़ा बढ़ोतरी की मांग को लेकर हाइवा मालिकों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा। इससे एनटीपीसी चट्टी बारियातू कोल परियोजना का अबतक 72हजार टन कोयले की डिस्पैच नहीं हो पायी। बताया गया कि पिछले 27 जनवरी से हाइवा मालिकों ने एनटीपीसी के कोल ट्रांसपोर्टिंग से जूडे कंपनी प्रगति, प्रणव नमन और रित्विक का कोयला भाड़ा बढ़ोतरी के सवाल पर ढोने से इंकार कर दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि एक दिन में उक्त कंपनियों के द्वारा लगभग 18000 टन कोयले की ढूलाई एनटीपीसी के कर्णपुरा प्लांट, कटकमसांडी और बचरा के लिए होती थी । जो आज शून्य पर है। इधर मंगलवार को धरना पर बैठे हाइवा मालिकों से मिलने सिमरिया विधायक किसुन दास, झामुमो नेता मनोज चंद्रा व बड़कागांव कांग्रेस नेता अंकित कुमार मिल कर आंदोलन का समर्थन किया। और कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती है तब तक आंदोलन पर डटे रहे। बताया गया कि आंदोलन के चौथे दिन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हड़ताली हाइवा मालिकों से आठ दिनों का समय मांगते हुए आंदोलन खत्म करने की अपील की। पर हाइवा एसोसिएशन ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए आंदोलन पर अडिग है।इस आंदोलन में चार सौ हाइवा मालिक चट्टानी एकता का परिचय दे रहे हैं। जिसमें सरोज नायक, निर्मल महतो, जितेंद्र महतो, नेपाल साव तथा सुनील समेत अन्य का कहना है कि जबतक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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