विधायक के निजी सहायक ने भाजपा नेता रामबाबू तिवारी के बयान पर किया पलटवार, कहा मरीज उनके साथ था या उसका नाम बेचकर मंत्री के यहां अपना धंधा चमकाने गए थे

जमशेदपुर : तथाकथित भाजपा नेता रामबाबू तिवारी के इस बयान का विधायक सरयू राय के कार्यालय ने खंडन करते हुए कहा कि विगत तीन माह से किडनी का कोई मरीज विधायक कार्यालय दौड़ रहा था। मगर उसका इलाज नहीं हुआ। इसलिए उसे लेकर रामबाबू तिवारी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के यहां गए थे। जिसपर विधायक के निजी सहायक सह कार्यालय प्रभारी ऋकेन्दू रंजन केशरी ने रामबाबू के इस बयान को गलत बताते हुए कहा है कि विधायक कार्यालय के माध्यम से अनेकों किडनी रोगियों का इलाज आयुष्मान समेत अन्य माध्यमों से कराया गया है और जिसकी सूची कार्यालय में उपलब्ध है। विधायक कार्यालय से जिनकी मदद इलाज के लिए होती है, उनके नाम का प्रचार विधायक के निर्देश के कारण मरीज की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर नहीं किया जाता है। जबकि जमशेदपुर, रांची, वेल्लोर आदि के अस्पतालों में जिनके इलाज में सहयोग किया गया है, उनका प्रमाण कार्यालय आकर कोई भी देख सकता है। राम बाबू जी स्वतंत्र हैं बन्ना जी के यहां या फिर कहीं भी जाने के लिए। वे पैरवी के लिए जा सकते हैं। इलाज के लिए जा सकते है। चंदा लेने के लिए जा सकते है। उन्हें भाजपा में लाने या फिर स्वयं कांग्रेस में जाने के लिए जा सकते है। झूठ फरेब का सहारा लेकर जा सकते हैं। छुपकर जा सकते हैं। खुलेआम जा सकते है। जैसे जाना चाहते हैं जाएं। वे वहां जाते रहते है और जाते रहें। वे ऐसी सलाह देने के लिए भी स्वतंत्र है कि कोई काम करना बन्ना जी से सीखे। मगर वे उनसे क्या क्या सीख रहे हैं, इसे भी बताएं। बन्ना जी की शागिर्दी राम बाबू तिवारी को मुबारक हो। यह भाजपा सोच विचार कि बन्ना शागिर्दों का उपयोग और स्थान उनके यहां क्या है, कितना है या नहीं है। पर तिवारी जी यह तो बता दें कि जिस मरीज के इलाज के लिए वे बन्ना बाबू के पास गए थे, वह मरीज भी उनके साथ थे या तिवारी जी किसी मरीज का नाम बेचकर अपना धंधा चमकाने वहां गए थे। वे वहां जाते रहते हैं और वहा जाना उन्हें फले फूले। वे ताल तिकड़म के उस्ताद हो जाएं। ताकि जमशेदपुर की जनता उनसे हमास की तरफदारी सुन सके।

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