झारखंड की मांग डॉ सिद्धू को मिले पद्म भूषण सम्मान

10 साल बाद पुनः जागा सिक्ख समाज, प्रीतम भाटिया ने उठाया था मुद्दा

जमशेदपुर : लौहनगरी में अपने 50 वर्षों के चर्चित सेवा काल में डॉ कृपाल सिंह सिद्धू ने कभी सेना, जिला प्रशासन, पत्रकार और गरीबों से फीस नहीं ली। गत 50 वर्षों में ऐसे एक लाख लाभुक होंगे, जिन्हें डॉ सिद्धू से नि:शुल्क परामर्श के साथ साथ दवाईयां भी मिली होंगी। इसके अलावा 50 हजार मरीज तो ऐसे भी हैं जिनका नि:शुल्क ऑपरेशन भी किया गया होगा। इस दौरान बडे.-बडे़ नेता और प्रशासनिक अधिकारी से लेकर वरिष्ठ पत्रकार भी उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते नजर आते होंगे। मगर उनमें बहुत कम ऐसे लोग हैं जो यह नहीं जानते कि डॉ साहब पद्म भूषण के हकदार भी हैं और उन्हें कैसे यह सम्मान दिलाया जाए? वहीं अब अचानक से मरीजों और गरीबों के लिए मसीहा कहे जाने वाले डॉ सिद्धू को झारखंड एवं बिहार के सिख प्रतिनिधियों द्वारा झारखंड सिख सेवा रत्न अवॉर्ड देने का फैसला सुर्खियों में आ रहा है। कुछ दिनों पहले एक शादी समारोह में सिख समाज के नेताओं से डॉ सिद्धू को मिलते हुए देखा गया था और उसी दिन सोशल मीडिया पर फोटो भी वायरल होने लगी। जिसके तीन-चार दिनों बाद झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधियों की एक बैठक प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई और देखते ही देखते सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कोल्हान क्षेत्र के प्रधान सरदार भगवान सिंह द्वारा डॉ सिद्धू को झारखंड सिख सेवा रत्न अवार्ड देने का प्रस्ताव रखा गया। जिसका बिहार-झारखंड के दर्जनों सिख नेताओं ने समर्थन भी किया। प्रदेश कमेटी के चेयरपर्सन सह श्री गुरु सिंह सभा मेन रोड रांची के प्रधान गुरमीत सिंह, झारखंड प्रदेश कमेटी के कार्यवाहक प्रधान सह हजारीबाग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अवतार सिंह, प्रदेश कमेटी के वरीय उपाध्यक्ष सह गोमो गुरुद्वारा के प्रधान देवेंद्र सिंह काले, प्रदेश कमेटी के महासचिव सह झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू, तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के प्रधान सरदार जगजोत सिंह सोही, महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह, प्रदेश कमेटी के वरीय सलाहकार अमरप्रीत सिंह काले, झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठी, झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के प्रधान गुरचरण सिंह बिल्ला, श्री गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष सरदार तरसेम सिंह, प्रदेश महासचिव गुरनाम सिंह, प्रदेश कमेटी के सचिव सह सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बेरमो के प्रधान सरदार गुरमीत सिंह, बड़ा गुरुद्वारा साहब बैंक मोड़ धनबाद के महासचिव गुरजीत सिंह, झारखंड सिख सेवा समिति धनबाद के अध्यक्ष सतपाल सिंह ब्रोका और चाईबासा क्षेत्र के प्रधान गुरमुख सिंह खोखर समेत अन्य ने इस प्रस्ताव को स्वागत योग्य फैसला भी बताया। वहीं सर्वसम्मति से डॉ सिद्धू को झारखंड सिख सेवा रत्न अवॉर्ड देने का निर्णय लिया गया। वहीं सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान भगवान सिंह ने कहा कि डॉ सिद्धू को झारखंड सिख सेवा रत्न अवॉर्ड का सम्मान जमशेदपुर में श्रीगुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर आयोजित धार्मिक समागम में दिया जाएगा। साथ ही अगर वे आने में असमर्थ होंगे तो उनके आवास पर जाकर सम्मान दिया जाएगा। साथ ही वर्षों पुरानी सिखों की इस मांग को सुर्खियों में लाने वाले सरदार शैलेंद्र सिंह ने सभी गुरूद्वारा कमेटी के प्रतिनिधियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि सिख समाज की ओर से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी इस संदर्भ में आग्रह किया जा चुका है। बताते चलें कि डॉ सिद्धू को पद्म भूषण सम्मान एवं राजकीय सम्मान देने का अनुरोध बकायदा मांग पत्र सौंपकर सबसे पहले साईं मानव सेवा ट्रस्ट, बीर खालसा दल और सिख युवा दल‌ के बैनर तले प्रीतम भाटिया ने उठाई थी। पेशे से पत्रकार सह समाजसेवी प्रीतम भाटिया ने सिख समाज समेत कई राजनीतिक दलों के विधायक और नेताओं को भी इस संदर्भ में आग्रह किया था। बीते 10 वर्षों में उन्होंने तीन संस्थाओं के बैनर तले बतौर उक्त संस्थाओं के सलाहकार तत्कालीन मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा था कि डॉ सिद्धू को राजकीय सम्मान दिया जाए।

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