पलामू पुलिस की घोर दलित विरोधी सोच के कारण राजमोहन पाॅलू हत्याकांड व ए०एन०एम प्रीति कुमारी हत्याकांड में एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज नहीं होना निंदनीय: शत्रुघ्न कुमार शत्रु

मेदिनीनगर: झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज पटेल नगर स्थित आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए पलामू के आरक्षी अधीक्षक श्रीमती रिष्मा रमेशन की दलित विरोधी कार्यशैली की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि कांग्रेस के पूर्व दलित नेता राजमोहन पाॅलू हत्याकांड(चैनपुर थाना कांड सं० 68/2024 व दलित महिला एन०एन०एम० प्रीति कुमारी हत्याकांड जैसे कई कांडों में हत्यारों को आर्थिक प्रभाव में आकर बचाने के लिए जानबूझकर पुलिस ने एससी-एसटी एट्रोसिटीज एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने से इंकार कर घोर लापरवाही व कर्तव्यहीनता का परिचय दिया है,जिसके खिलाफ केन्द्रीय गृह मंत्रालय, समाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली, मुख्यमंत्री व राज्यपाल झारखण्ड, डीजीपी व मुख्य सचिव झारखण्ड को ज्ञापन प्रेषित कर कार्रवाई की मांग की जाएगी।प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि जब से पलामू एसपी श्रीमती रिष्मा रमेशन जी की पदस्थापना पलामू में हुई है,तब से जातिवादी सामंती तत्वों द्वारा अनुसूचित जातियों पर अत्याचार की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी हुई है। गंभीर अपराध के बहुत से मामलों में एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के दो-तीन महीने बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है। निश्चित रूप से आज पलामू पुलिस भ्रष्टाचार की पर्याय बन चुकी है,जो निंदनीय है।प्रेस वार्ता के अंत में झारखण्ड क्रांति मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि अबुआ राज में दलितों के हत्याकांड के कई मामलों में एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज नहीं होना,काफी चिंतनीय व निंदनीय है।काफी संघर्ष के बाद इस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी आर्थिक प्रभाव में आकर आरोपियों की गिरफ्तारी को लटकाना पुलिस के भ्रष्ट व सामंती चरित्र का द्योतक है,जिसके खिलाफ अब आन्दोलन किया जाएगा।

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